अनिल यादव हत्याकांड में पुलिस ने तीन को लिया हिरासत में

अनिल यादव हत्याकांड में एसआईटी की टीम ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है. साथ ही पुलिस ने उस संदिग्ध स्कूटी को भी बरामद कर लिया है जो घटना के दिन बैजू रविदास के गेट पर देखा गया था.

By Prabhat Khabar News Desk | August 12, 2024 10:49 PM

संदिग्ध स्कूटी बरामद, आरोपी का दामाद राजकुमार को पुलिस ने देवघर से पकड़ा, भगना भी था छिपा हुआ

गिरिडीह.

अनिल यादव हत्याकांड में एसआईटी की टीम ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है. साथ ही पुलिस ने उस संदिग्ध स्कूटी को भी बरामद कर लिया है जो घटना के दिन बैजू रविदास के गेट पर देखा गया था. मिली जानकारी के अनुसार सीसीटीवी फूटेज और अन्य तकनीकी तथ्यों के आधार पर पुलिस ने कई जानकारियां एकत्रित की. इसके बाद संदेह के आधार पर फिलहाल आरोपी बैजू रविदास के दामाद राजकुमार समेत तीन लोगों को हिरासत में ले लिया है. बताया जाता है कि आरोपी का दामाद राजकुमार एक अगस्त से छुट्टी पर था, लेकिन हत्या के दिन दो घंटे के लिए वह गिरिडीह में दिखा था और इसके बाद वह भाग गया था. विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि इसी दो घंटे के बीच अनिल यादव की हत्या हुई थी. बता दें कि छह अगस्त को दिन के लगभग 12 से 1 बजे के बीच कृष्णानगर में सरकारी कर्मी बैजू रविदास के घर में अनिल यादव की हत्या हुई थी और लाश को पीरटांड़ के सुनसान जंगल में खुखरा मोड़ के पास फेंक दिया गया था. इस मामले में पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त भुजाली और स्वीफ्ट कार को बरामद कर लिया. वहीं हत्या के आरोप में सरकारी कर्मी बैजू रविदास को भी गिरफ्तार कर लिया. बैजू रविदास ने हत्या करने की बात स्वीकार कर ली है.

घटना के बाद नहीं देखे गये बैजू के कई परिजन

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 6 अगस्त को अनिल यादव की हत्या के बाद आरोपी बैजू रविदास के कई परिजन नहीं देखे गये. सूत्रों का कहना है कि बैजू का भाई, उसकी बेटी, उसकी बहन समेत कुछ और रिश्तेदार कृष्णानगर में ही रहते थे. लेकिन अचानक सभी गायब हो गये. प्रत्यक्षदर्शियों ने यह भी बताया कि बैजू का दामाद राजकुमार और उनकी बेटी बैजू के घर में न सिर्फ आया जाया करते थे, बल्कि लंबे समय तक रूकते भी थे. सूत्रों का कहना है कि बैजू का बेटा, उनकी बेटी और दामाद के साथ-साथ बहन और भगना भी गायब था. पुलिस ने खोजकर बैजू के भगना विक्रम रविदास को कृष्णानगर से ही हिरासत में लिया है. जबकि दामाद राजकुमार को देवघर से और एक अन्य व्यक्ति को भी कृष्णानगर से हिरासत में लिया गया है. पुलिस ने संदिग्ध स्कूटी को कृष्णानगर के ही एक घर से बरामद करने में सफलता हासिल की है. पुलिस हिरासत में लिये गये लोगों से गहन पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उनकी संलिप्तता इस घटना में रही है या नहीं और रही है तो फिर किस तरह से.

जमीन के अलावे ब्याज पर भी पैसा लगाता था बैजू

बैजू रविदास सरिया अंचल में सरकारी कर्मचारी के रूप में लिपिक के पद पर कार्यरत था. लेकिन जमीन के साथ-साथ ब्याज पर भी पैसे लगाया करता था. बताया जाता है कि बैजू रविदास ने कोलकाता और बैंगलोर में भी फ्लेट खरीद रखा है. इसके अलावे गिरिडीह के आसपास के इलाके में कई जमीन के प्लॉटों पर भी उसने मोटी रकम निवेश कर रखा है. वह अनिल यादव के साथ-साथ एक मेडिकल दुकान के संचालक के माध्यम से जमीन में पैसा निवेश किया करता था.

अनिल यादव के टॉर्चर से परेशान हो गया था बैजू

अनिल यादव की हत्या एक सुनियोजित साजिश है या अचानक परिस्थितिजन्य. हत्या इस बात की जांच में पुलिस उलझी हुई है. हालांकि पुलिस का मानना है कि यदि यह घटना एक सुनियोजित साजिश होती तो भोथर भुजाली और फटे हुए प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं किया जाता. साथ ही जिस कार में लाश को फेंका गया, उसका नंबर प्लेट ओरिजनल नहीं होता. इतना ही नहीं, हत्या करने वाला व्यक्ति अपने ही घर में हत्या करने का रिस्क नहीं उठाता. पुलिस इस बिंदु को भी खंगाल रही है कि आखिर किन परिस्थितियों में अनिल यादव की अचानक हत्या की गयी. टीम के एक सदस्य का कहना है कि काफी दिनों से पैसे के लेन-देन के सवाल पर विवाद चल रहा था और नशे के हालत में अनिल यादव बराबर बैजू रविदास को टॉर्चर किया करता था. बैजू रविदास ने भी अपने बयान में स्वीकार किया है कि अत्यधिक टॉर्चर से तंग आकर उसने उसकी हत्या कर दी.

हत्याकांड का मुख्य आरोपी बैजू रविदास दो दिनों की पुलिस रिमांड पर

पुलिस ने अनिल यादव हत्याकांड के मुख्य आरोपी बैजू रविदास को दो दिनों की पुलिस रिमांड पर लिया है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने कई सवालों का जवाब हासिल करने के लिए अदालत से पांच दिनों के रिमांड का अनुरोध किया था. लेकिन अदालत ने दो दिनों का रिमांड दिया है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस बीच जो भी तथ्य पुलिस को मिले हैं और जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है, उसके संबंध में पुलिस बैजू रविदास से पूछताछ करेगी. एसआईटी टीम के सदस्य का कहना है कि घटना के तुरंत बाद पुलिस ने बैजू रविदास को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. इस वजह से कई सवाल हवा में तैरती रही है. अब सीसीटीवी फूटेज के साथ-साथ मृतक व आरोपी के फोन कॉल का सीडीआर में जो-जो संदिग्ध तथ्य मिले हैं, उन तमाम तथ्यों पर भी उससे पूछताछ की जायेगी.

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