सड़क के अभाव में घर तक नहीं पहुंच सकी एंबुलेंस, इलाज में देरी से गर्भवती की मौत
व्यवस्था की कमी से दुनिया में आने से पहले ही चली गयी गर्भस्थ शिशु की जान
प्रतिनिधि, डुमरी.
आजादी के 78 वर्ष बीत जाने के बाद भी कई गांव के ग्रामीण पगड़ियों पर चलने को मजबूर हैं. यहां तक कि इन गांवों में खराब सड़क के कारण समय पर एंबुलेंस नहीं पहुंचती. इससे लोगों को जान गंवानी पड़ रही है. सोमवार को प्रखंड के अतकी पंचायत स्थित चुटरूमबेड़ा में एक गर्भवती को समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण उसकी मौत हो गयी. जानकारी के अनुसार सोमवार को किशुन हेंब्रम की गर्भवती पत्नी कांती मुर्मू (29) को प्रसव पीड़ा हुई. शुरू में घर वालों ने झोलाछाप डाक्टर से इलाज कराया. इसके बाद उसकी तबीयत और बिगड़ गयी. सूचना पर एम्बुलेंस आयी, लेकिन रास्ता नहीं होने के कारण एंबुलेंस घर तक नहीं जा सकी. और एक विद्यालय तक आकर एंबुलेंस रुक गयी. इसके बाद परिजन व ग्रामीण महिला को खाट पर लादकर एंबुलेंस तक लाये. एंबुलेंस से महिला को डुमरी रेफरल अस्पताल ले जाया गया. यहां गंभीर हालत देखते हुए उसे धनबाद रेफर कर दिया गया. धनबाद ले जाने के क्रम में ही रास्ते में महिला की मौत हो गयी. बताया जाता है कि उक्त टोला में पहुंचने के लिए कच्ची सड़क तक नहीं है. ग्रामीणों के आवागमन का एक मात्र साधन एक पगडंडी है. ग्रामीण खेत व नालों के बीच से डेढ़ किमी लंबी पगडंडी के सहारे आना जाना करते हैं.सड़क की कमी ने छीन ली दो जान :
इस संबंध में मृतका के पति किशुन हेंब्रम ने बताया कि गांव तक सड़क नहीं होने से उसकी बीमार पत्नी को समय पर अस्पताल नहीं ले जाया सका और उसकी मौत हो गयी. सूचना पर एम्बुलेंस तो आयी, लेकिन सड़क नहीं होने के कारण एम्बुलेंस गांव से डेढ़ किमी दूर स्कूल पास ही रुक गयी. हमलोग उसे खाट पर लाद कर एम्बुलेंस तक ले गये. घटना की सूचना के बाद मंगलवार की सुबह अतकी मुखिया ईश्वर हेंब्रम, भाजपा नेता दीपक श्रीवास्तव, पंसस मोतीलाल हांसदा, विक्रम मरांडी गांव पहुंचकर पीड़ित परिवार से मिले और घटना की जानकारी ली. मुखिया ईश्वर हेंब्रम ने बताया कि सड़क नहीं होने के कारण महिला को समय पर अस्पताल नहीं ले जाया सका. इससे महिला के साथ ही गर्भ में पल रहे बच्चे की जान भी सड़क के अभाव में चली गयी. यदि समय पर महिला का इलाज होता तो आज यह घटना नहीं होती. भाजपा नेता दीपक श्रीवास्तव ने कहा कि कांती मुर्मू की मौत का कारण गांव तक सड़क का नहीं होना है. सड़क नहीं होने से परिजन उसे समय पर अस्पताल नहीं ले जा सके. कहा कि इसके लिए क्षेत्र के जन प्रतिनिधि और विकास का जिम्मा संभालने वाला विभाग के अधिकारी दोषी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है