लॉकडाउन में कोयला उत्पादन बंद, तंगी से गुजर रहे रोड सेल मजदूर

गिरिडीह : कोरोना जनित आपदा के कारण देशव्यापी लॉकडाउन में मांग गिरने से सभी सेक्टर का उत्पादन प्रभावित हुआ है. इस हाल में सीसीएल गिरिडीह कोलियरी में उत्पादन बंद होने से डिस्पैच भी ठप है. इससे रोड सेल बंद रहने के कारण स्थानीय असंगठित मजदूरों की स्थिति बेहद खराब हो गयी है. कोई वैकल्पिक रोजगार […]

By Shaurya Punj | April 17, 2020 10:38 PM

गिरिडीह : कोरोना जनित आपदा के कारण देशव्यापी लॉकडाउन में मांग गिरने से सभी सेक्टर का उत्पादन प्रभावित हुआ है. इस हाल में सीसीएल गिरिडीह कोलियरी में उत्पादन बंद होने से डिस्पैच भी ठप है. इससे रोड सेल बंद रहने के कारण स्थानीय असंगठित मजदूरों की स्थिति बेहद खराब हो गयी है. कोई वैकल्पिक रोजगार की संभावना नहीं है. पर खासा पड़ा है. रोड सेल से जुड़े मजदूर आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं. वैसे प्रशासनिक स्तर से इन्हें अनाज उपलब्ध कराया जा रहा है. दूसरी जरूरतों की भरपाई मुश्किल : जानकारी के मुताबिक गिरिडीह एरिया स्थित दो खदानों क्रमश: कबरीबाद माइंस व ओपेनकास्ट परियोजना में से कबरीबाद माइंस को सीटीओ (कंसेंट टू ऑपरेट, परिचालन की मंजूरी) नहीं मिलने से कोयला का उत्पादन डेढ़ वर्षों से बंद है. सीटीओ को लेकर जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रबंधन स्तर तक के प्रयास विफल रहे. ऐसे में रोड सेल से जुड़े लगभग दो हजार मजदूर बेरोजगार हो गये. इनमें से कुछ दूसरे प्रदेशों का रुख कर चुके हैं. यहां पर रह गये मजदूर किसी तरह से गुजारा कर रहे हैं. ओपेनकास्ट परियोजना में भी लगभग दो हजार असंगठित मजदूर रोड सेल से जुड़े हुए हैं. लॉकडाउन के बाद इनकी स्थिति भी विकट हो गयी है. रोड सेल से जुड़े कैला गोप, ज्ञानी दास, किशोर कुमार, सीताराम, विष्णु दास आदि का कहना है कि अनाज तो उपलब्ध हो रहा है, पर दूसरी जरूरतों की भरपाई मुश्किल हो गयी है.

गिरिडीह कोलियरी ट्रक ऑनर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र यादव का कहना है कि कोलियरी में रोड सेल से जुड़े लगभग चार हजार मजदूर है. ये मजदूर कबरीबाद व ओपीसी में रोड सेल के माध्यम से ट्रकों में कोयला ढुलाई कर जीवन यापन करते हैं. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से रोड सेल बंद है. इससे न सिर्फ मजदूरों, बल्कि ट्रक ऑनरों, चालकों-खलासियों को भी परेशानी हो रही है. एसोसिएशन के उपाध्यक्ष विजय सिंह उर्फ मुन्ना सिंह का कहना है कि लॉकडाउन रहने तक कमोबेश स्थिति यही रहेगी. झाकोमयू के अध्यक्ष तेजलाल मंडल ने कहा कि लॉकडाउन में बंद उत्पादन-डिस्पैच से असंगठित मजदूर बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. उन्होंने प्रशासनिक व्यवस्था के तहत प्रभावित मजदूरों को आर्थिक सहायता प्रदान करने की मांग की है.

गिरिडीह कोलियरी के परियोजना पदाधिकारी विनोद कुमार ने कहा कि लॉकडाउन के कारण रोड सेल बंद है. व्यवहारिक समस्या यह है कि कोयला का उठाव होने के बाद इसे कहां बेचा जाय. इधर कंपनी की आयी गाइडलाइन के अनुरूप कदम उठाया जायेगा. पीओ ने बताया कि सीएसआर फंड से असंगठित मजदूरों समेत गरीब-लाचार लोगों को अनाज मुहैया कराया जा रहा है. बॉक्स:::लॉकडाउन में सिर्फ ओबी डिस्पोजल हो रहा : मैनेजरओपेनकास्ट परियोजना के मैनेजर अनिल कुमार पासवान ने बताया कि लॉकडाउन में सिर्फ ओबी हटाया जा रहा है. अभी उत्पादन होगा तो ट्रांसपोर्टिंग कहां होगी. उन्होंने कहा कि माइंस में न्यूनतम कर्मियों से काम कराया जा रहा है. मशीनें रोज सेनेटाइज की जाती है. सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन कराया जा रहा है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन खत्म होने पर कोयला का उत्पादन शुरू होगा.

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