Giridih News :
गिरिडीह जिले के देवरी प्रखंड अंतर्गतचिलखारी गांव में नरसंहार की घटना के बाद चिलखारी को आदर्श गांव के रूप में विकसित करने का वादा आज तक पूरा नहीं हुआ. इससे यहां के ग्रामीणों में निराशा है. झारखंड बिहार की मध्य सीमा पर बसे चहाल पंचायत के बुधुआडीह गांव के टोला चिलखारी में सौ से भी अधिक आदिवासी परिवार रहते हैं. गांव के लोग पानी, सड़क, शिक्षा, सिंचाई जैसी बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहे हैं. गांव के गोपाल मुर्मू, बादल मुर्मू, अजित मुर्मू, अनिल टुडू, मुंशी मुर्मू, बाबूलाल मुर्मू, मंझला मुर्मू, किशुन टुडू, महादेव हेंब्रम, विनोद हेंब्रम, मनोज मुर्मू आदि का कहना है कि चिलखारी को आदर्श गांव में विकसित करने का वादा किया गया था. लेकिन, गांव में समस्या जस-की-तस है. बताया कि आवागमन के लिए बेहतर संपर्क सड़क की सुविधा आज तक नहीं मिली. बुधुआडीह व चिलखारी गांव के बीच गुजरे नाला पर पुल नहीं रहने से आवागमन में में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अधिकांश लोगों को बिहार से होकर पंचायत व प्रखंड मुख्यालय जाना पड़ता है. गांव के सरकारी स्कूल को अपग्रेड नहीं होने से बच्चों को उच्च शिक्षा हासिल करने में मुश्किल हो रही है. विद्यालय में भवन का निर्माण भी अधूरा छोड़ दिया गया है. सिंचाई की सुविधा नहीं रहने ठोक से खेती नहीं कर पा रहे हैं. गांव के अधिकांश लोग मजदूरी पर आश्रित हैं. ग्रामीणों ने समस्याओं को दूर कर परेशानी से निजात दिलाने की मांग की है.
अभी तक शुरू नहीं हुई नल जल योजना :
गांव में पेयजल की गंभीर समस्या है. अभी तक जल जीवन मिशन के नल जल योजना का काम शुरू नहीं हुआ है. ग्रामीण जलमीनार बनवाने व पाइपलाइन से घरों तक पानी पहुंचाने की मांग की है. कहा कि पानी के लिए उन्हें इधर-उधर भटकना पड़ता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है