बगोदर.
प्रख्यात लेखिका अरुंधति राय समेत अन्य मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर यूएपीए के तहत मुकदमा दर्ज होने के खिलाफ ऑल इंडिया पिपुल्स फोरम ने प्रतिवाद मार्च किया. बगोदर के सरिया रोड स्थित किसान भवन परिसर में आयोजित प्रतिवाद को संबोधित करते वक्ताओं ने कहा कि दिल्ली के उप राज्यपाल की ओर से अरुंधति राय और शेख शौकत हुसैन के खिलाफ यूएपीए के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति देना, लोकतंत्र और मतभिन्नता को कुचलने का उदाहरण है. यह फासीवाद के भारतीय ब्रांड का अवश्यंभावी लक्षण है. यही उप राज्यपाल, मेधा पाटकर के खिलाफ फर्जी मानहानि के उस मुकदमे के भी पीछे हैं. इसमें उनपर दोष सिद्ध हो गया है और सजा वक्त की बात भर है. वहीं नीट से नेट तक की प्रतियोगी परीक्षाओं पर एनटीए की धांधली का भी प्रतिवाद किया गया. मौके पर पवन कुमार महतो, रामरतन शर्मा, सुधीर कुमार राम, विवेक कुमार मंडल, अनोज कुमार महतो, बासुदेव महतो, पूरन कुमार महतो, हेमलाल महतो, बिनोद कुमार, सुरेश कुमार, पंकज कुमार महतो, ईश्वर कुमार, संतोष कुमार, मंजीत कुमार, आनंद कुमार समेत अन्य उपस्थित रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है