गर्मी से जनजीवन प्रभावित, पानी के लिए बेजुबान परेशान

ज्येष्ठ महीने में गर्मी से तपती धरती और आग उगलते सूरज के बीच जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. सुबह नौ बजते-बजते सूरज का तापमान 37 डिग्री से ऊपर पहुंच जाता है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 10, 2024 11:09 PM

सरिया. ज्येष्ठ महीने में गर्मी से तपती धरती और आग उगलते सूरज के बीच जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. सुबह नौ बजते-बजते सूरज का तापमान 37 डिग्री से ऊपर पहुंच जाता है. लोग लू की थपेड़ों से बचने के लिए लोग सिर ढकने के लिए छांव खोजने लगते हैं. प्यास बुझाने के लिए कहीं से पानी की व्यवस्था कर लेते है, लेकिन पालतू पशुओं तथा वन्य प्राणियों की परेशानी बढ़ गयी है. प्रखंड के लगभग 70 प्रतिशत कुएं सूख चुके हैं. गांव के किनारे बहने वाली छोटे-छोट नदी-नाले, आहर, पोखर, तालाब, नहरों की भी यही स्थिति है. जंगली जानवरों तथा पक्षियों के पीने के लिए एक बूंद पानी नहीं मिल रहा है. पालतू पशुओं के लिए लोग ठेला पर दूर-दूर से पानी ला रहे हैं. वहीं, जंगली जानवर व अन्य पशु पक्षियों के लिए गर्मी जानलेवा साबित हो रहा है. पीने के पानी के लिए भटकना उनके लाचारी हो गयी है. भेड़िया, सियार, लोमड़ी, सुअर आदि जंगलों से निकल कर आबादी वाले इलाकों में प्रवेश कर रहे हैं. चिड़िया भी पानी की खोज में इधर-उधर, बाग-बगीचे तथा आबादी वाले जगहों पर देखे जा सकते हैं. ऐसे में कहीं भी पानी दिखाई पड़ता है, तो वह अपनी प्यास बुझा लेते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार जिस प्रकार हर घर नल योजना प्रारंभ की है, उसी प्रकार इन बेजुबानों के लिए जगह-जगह हौज बनवाकर पीने के पानी उपलब्ध कराये. नदी-नालों पर चेकडैम बनवाकर बरसात का पानी रोकने का प्रयास हो.

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