रामनवमी को लेकर महावीरी झंडे से पटा गिरिडीह, राम भक्तों में उत्साह, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

रामनवमी को लेकर झारखंड का गिरिडीह महावीरी झंडे से पट गया है. पर्व को लेकर राम भक्तों में उत्साह देखा जा रहा है. इसे लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

By Guru Swarup Mishra | April 15, 2024 9:40 PM
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गिरिडीह, मृणाल कुमार: गिरिडीह जिले में रामनवमी की तैयारी पूरी हो गयी है. शहरी व ग्रामीण इलाके महावीरी झंडा से पट गये हैं. जगह-जगह पर पूजा की तैयारी पूरी हो चुकी है. रामभक्तों में रामनवमी को लेकर उत्साह है. विभिन्न मंदिरों में भव्य तैयारी की गयी है. पूरे बाजारों में केसरिया झंडे ही दिखाई दे रहा है. सोमवार को बड़े झंडों को खरीदने के लिए बाजार में चहल-पहल देखी गयी. रामनवमी के मौके पर निकालने वाली झांकियां व अखाड़ा में भीड़ नियंत्रण करने की भी पूरी व्यवस्था पूजा समितियों ने की है. इधर, रामनवमी को शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए पुलिस पूरी तरह से सतर्क है. मालूम रहे कि शहर के बड़ा चौक में सभी अखाड़ा जमा होते हैं. यहां खिलाड़ी खेल का प्रदर्शन करते हैं. जिला प्रशासन व विभिन्न हिंदू संगठन की ओर से उन्हें सम्मानित भी किया जाता है.

कई स्थानों पर लगाये जा रहे है स्टॉल
इधर, अखाड़ा व जुलूस में शामिल श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो इसे लेकर शहर के अलग-अलग चौक-चौराहों पर विभिन्न संगठन स्टॉल लगा रहे हैं. स्टॉल पर लोगों के लिए शुद्ध पेयजल व शरबत की व्यवस्था की जायेगी. शहरी क्षेत्र में पुलिस ने 41 प्वांइट को संवेदनशील और अतिसंवेदनशील के रूप में चिह्नित किया है. यहां पर पुलिस की विशेष टीम को तैनात रहेगी. इसके अलावा शहर के पदम चौक और बड़ा चौक में तीन वॉच टावर बनाये जायेंगें, जहां सीसीटीवी कैमरा, वीडियोग्राफी व ड्रोन कैमरे से पूरे इलाके में नजर रखी जायेगी. पूरे शहरी क्षेत्र में लाइटिंग की व्यवस्था दुरूस्त करायी गयी है.

145 साल पुराना है गिरिडीह के रामनवमी का इतिहास
गिरिडीह में रामनवमी का काफी इतिहास 145 साल से भी अधिक पुराना है. यहां की झांकी व अखाड़ा देखने के लिए ना सिर्फ गिरिडीह शहरी क्षेत्र बल्कि अलग-अलग प्रखंडों व दूसरे शहरों से लोग पहुंचते हैं. पूर्व में पहले जहां ढाक के साथ जुलूस निकलता था, बाद में ढाक का स्थान ताशा पार्टी ने लिया और अब डीजे रामनवमी की पहचान बन गयी है. रामनवमी से यहां के लोगों की गहरी आस्था जुड़ी है. यही कारण है कि दूसरे प्रदेश में रहने वाले लोग रामनवमी के मौके पर गिरिडीह पहुंचते है. एक दौर था जब चंद लोगों के साथ अखाड़ा व झांकिया निकाली जाती थी, लेकिन आस्था बढ़ने के साथ लोगों की भीड़ उमड़ने लगी.

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झारखंड में पहला ऐसा मंदिर जहां स्थापित है हनुमान जी की दो प्रतिमा
प्राचीन कुटिया मंदिर का इतिहास काफी गौरवशाली है. राज्य का यह पहला मंदिर है जहां हनुमान जी की दो मंदिर है. नागा साधुओं ने पहाड़ के नीचे एक मंदिर बननाया. मंदिर बनने के बाद लोगों ने इंजीनियर व पहलवानों को बुलाकर हनुमान जी की प्रतिमा को उठा कर मंदिर निर्माण करने का प्रयास किया लेकिन हनुमान जी की प्रतिमा को कोई हिला तक नहीं सका. इसके बाद लोग पहाड़ के नीचे स्थित कुटिया में जाकर हनुमान की का दर्शन करते थे. बाद में नीचे में भव्य मंदिर का निर्माण कराया गया. इसके बाद ऊपर में एक और नया हनुमान मंदिर बना. पूरे झारखंड में यह पहला हनुमान जी का मंदिर है जहां हनुमान जी की दो-दो प्रतिमाएं हैं. इस बाबत प्राचीन कुटिया मंदिर अखाड़ा कोटी के नीलकमल भारतीया ने बताया कि यहां 143 वर्ष पूर्व नागा साधुओं ने मिलकर चमत्कारी कुटिया वाले बालाजी की प्रतिमा की स्थापना कर पूजा की शुरुआत की थी. हालांकि, पूजा की शुरू करने के बाद नागा साधुओं को किसी ने नहीं देखा. कई बार लोगों ने इन नागा साधुओं की खोजबीन की, लेकिन वह कहीं नहीं मिले. करीब 70 साल तक यहां लोगों ने कुटिया बनाकर पूजा-अर्चना की की. बताया कि इस बार रामनवमी में यहां से भव्य और सबसे अलग झांकी निकलेगी. इसमें बाहर से आये कलाकार शामिल होंगे.

80 साल पुरानी है मकतपुर बजरंग सेवा समिति की झांकी
मकतपुर बजरंग सेवा समिति 80 वर्षों से झाकी निकाल रही है. एक तरफ रामभक्त अस्त्र-शस्त्र के साथ प्रदर्शन करते दिखते हैं, वहीं दूसरी तरफ के मकतपुर बजरंग सेवा समिति की झांकी को देखने के लिए लोग शहर के विभिन्न चौक-चौराहों में जमा होते हैं. झांकी देखने के लिए सभी धर्म के लोगों का जुटान होता है. समिति समेत जिला मुख्यालय के तीन दर्जन से अधिक अखाड़ा समितियों के साथ झांकी व अखाड़ा लेकर निकलती है.समिति के लाइसेंसी दीपक शर्मा ने बताया कि कमेटी के सदस्य झांकी और अखाड़ा निकालने की तैयारी को अंतिम रूप दे रहे हैं. रथों की रंगाई हो रही है. 80 वर्ष पूर्व मकतपुर के मदन लाल शर्मा ने इसकी शुरुआत की थी. इसके बाद समिति में मुहल्ले के कई युवाओं ने योगदान देना शुरू किया, जो अब इस पंरपरागत विरासत को पूरे उत्साह के साथ आगे बढ़ा रहे हैं. रामनवमी के मौके पर इस बार अलग से बग्घी मंगायी गयी है, इस बार की झांकी काफी आकर्षक और भव्य रहेगी. राममंदिर की प्रतिकृति आकर्षण का केंद्र रहेगा. कमेटी के डिंपल साव, सतीश साव, विश्ननाथ शर्मा उर्फ बीशू शर्मा, दुर्गा सिंह, उमाशंकर सिंह, विकास शर्मा, अरुण भदानी, नागेंद्र कपिसवे आदि सक्रिय हैं.

आकर्षक झांकियां करती हैं लोगों को आकर्षित
रामनवमी के मौके पर शहर के कचहरी चौक, मकतपुर, अरगाघाट, करबला रोड, शास्त्री नगर, बनखंजो, बरगंडा, न्यू बरगंडा, बरमसिया, झिंझरी मुहल्ला, बक्सीडीह रोड, चैताडीह, बभनटोली, बरवाडीह, तिरंगा चौक, कोलडीहा, मोहलीचुआं, अलकापुरी, कृष्णानगर, बोड़ो व पचंबा से आकर्षक झांकी निकलती है. हनुमान, सीताराम, रामदरबार की झांकी आकर्षण का केंद्र रहती हैं. इसे देखने काफी संख्या में लोग शहर के बड़ा चौक पहुंचते है. यहां सुबह व शाम में अखाड़ा का प्रदर्शन किया जाता है. यहां विधायक, डीसी, एसपी, एसडीएम के अलावा सभी पदाधिकारी और विभिन्न हिंदू संगठन के लोग मौजूद रहते हैं. बेहतर प्रदर्शन करने वाली अखाड़ा कमेटी के सदस्यों को सम्मानित किया जाता है. हाल के वर्षों में जेपी चौक के समक्ष भी अखाड़ा होता है. यहां पर महावीर सेवा समिति अखाड़ा में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कृत करती है.

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