गिरिडीह नगर भवन में जनशिकायत समाधान कार्यक्रम का उदघाटन उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के डीआईजी सुनील भास्कर ने की. इस मौके पर गिरिडीह के एसपी डॉ विमल कुमार, एसडीपीओ विनोद रवानी, डीएसपी अंकिता राय, जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव सोनम बिश्नोई, सीओ मो असलम समेत कई उपस्थित थे. नगर भवन में आयोजित शिविर में गिरिडीह अनुमंडलीय क्षेत्र के लोगों की समस्याएं सुनी गयी. इस दौरान कई लोगों ने पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई नहीं किये जाने की शिकायत दर्ज करायी गयी. साथ ही जमीन के विवाद पर कई लोगों ने अपनी समस्याओं को रखा. यह कार्यक्रम जिले भर में चार स्थानों पर आयोजित की गयी थी. इस कार्यक्रम में काफी संख्या में लोग पहुंचे और अपनी-अपनी समस्याएं रखी. पुलिस महानिदेशक के निर्देश के आलोक में गिरिडीह नगर भवन, डुमरी अनुमंडलीय कार्यालय, खोरीमहुआ अनुमंडल क्षेत्र का धनवार थाना परिसर और बगोदर-सरिया अनुमंडल क्षेत्र के लिए औरा पंचायत भवन में जनशिकायत समाधान कार्यक्रम के लिए शिविर लगाये गये. इस शिविर में पुलिस द्वारा आम लोगों के लिए संचालित सुविधाओं के बाबत उन्हें जानकारियां दी गयी. क्षतिपूर्ति योजना, नये आपराधिक कानून के तहत ऑनलाइन एफआईआर, जीरो एफआईआर, डायल 112, साइबर अपराध से बचाव एवं साइबर फ्राड होने पर डायल 1930 आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गयी.
पुलिस और आम लोगों के बीच बढ़ रही दूरी को कम किया जायेगा : डीआईजी
गिरिडीह समाहरणालय परिसर में स्थित एसपी कार्यालय में डीआईजी सुनील भास्कर ने बताया कि गिरिडीह जिले में आयोजित तीन शिविरों में कुल 229 आवेदन प्राप्त हुए जिसमें से 57 आवेदनों का निष्पादन ऑन स्पॉट कर दिया गया. बताया कि इन शिविरों में कुल 1100 लोगों ने अपनी-अपनी बातें रखी. गिरिडीह अनुमंडलीय क्षेत्र के लिए आयोजित नगर भवन शिविर में 73 आवेदन प्राप्त हुए जिसमें 14 का निष्पादन किया गया. इसी प्रकार डुमरी अनुमंडलीय कार्यालय में लगाये गये शिविर में 47 में से 16, धनवार थाना परिसर में खोरीमहुआ अनुमंडलीय क्षेत्र से 57 में से 13 और औरा पंचायत भवन में आयोजित बगोदर-सरिया अनुमंडल के 52 में से 12 मामलों का निष्पादन किया गया. उनहोंने बताया कि डीजीपी के निर्देश पर यह शिविर लगाया गया था जिसमें आम नागरिकों की शिकायतों का त्वरित निष्पादन और उसके प्रभावी निराकरण के साथ-साथ पुलिस एवं नागरिकों के बीच बढ़ रही अविश्वसनीयता और दूरी को समाप्त करने की दिशा में पहल की गयी. पुलिस और आम लोगों के बीच बढ़ रही दूरी को कम करने की कोशिश की जा रही है. इसके सकारात्मक परिणाम सामने आयेंगे. उन्होंने बताया कि जमीन से संबंधित मामलों के साथ-साथ महिला एवं बच्चों से संबंधित मामले, हत्या से संबंधित मामले और काफी संख्या में पारिवारिक विवाद व जालसाजी आदि के मामले शिविर में आये.
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