नदी-तालाब सूखे, आसमान से बरस रही आग
धनवार की जल जीवन रेखा इरगा नदी सहित क्षेत्र के अधिकांश जलस्रोत पूरी तरह सूख गये हैं. कभी ना सूखने वाला बाजार का कटोनियां तालाब इन दिनों मैदान बन चुका है.
राजधनवार. धनवार की जल जीवन रेखा इरगा नदी सहित क्षेत्र के अधिकांश जलस्रोत पूरी तरह सूख गये हैं. कभी ना सूखने वाला बाजार का कटोनियां तालाब इन दिनों मैदान बन चुका है. गंगापुर तालाब, मोदीडीह (बघमारी) का बड़का आहर सलैया तालाब, गंगासागर आदि क्षेत्र के नामचीन जलस्रोतों में भी इन दिनों पानी की जगह केवल कीचड़ रह गये हैं. जलस्तर नीचे चले जाने से कुआं और चापाकल भी जवाब दे रहे हैं. दूसरी तरफ आसमान से सूरज आग बरसा रहा है. इन दिनों तापमान 42 डिग्री पार कर रहा है. ऐसे में जब पानी की सबसे अधिक जरूरत महसूस की जा रही है तो हर जगह पानी का अभाव हो गया है. ऐसे में पानी के अभाव में लोगों के साथ ही वन्य जीवन भी संकट में पड़ता नजर आ रहा है. पशु-पक्षी भी प्यास बुझाने के लिए भटकने को मजबूर हैं. राहत की बारिस की उम्मीद में सभी की निगाह आसमान की तरफ तक रही है.
अधिकांश गांव में नल जल योजना का काम अधूरा
पानी के लिए नल जल योजना में पानी की तरह करोड़ों रुपये खर्च किये गये. लेकिन इसके क्रियान्वयन में लेट-लतीफी व लापरवाही के कारण अधिकांश गांव में काम अधूरा है .जहां कहीं नल जल योजना का काम पूरा हुआ भी है तो अधिकांश टोलों में कुछ न कुछ कमी रह गयी है. जब पानी की सबसे ज्यादा जरूरत है ऐसे समय में यह योजना अपनी उपयोगिता साबित नहीं कर पा रही है. भलुटांड़ पंचायत के बरोटांड के एक टोले में बोरिंग धंस जाने के कारण एक दर्जन से भी अधिक घरों में जलापूर्ति नहीं हो पा रही है. इसी तरह पचरुखी पंचायत के बाघमारी के लपसियाटांड़ नीचे टोला में घरों में नल नहीं लगाए जाने के कारण अबतक जलापूर्ति शुरू नहीं हो पाई है.
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