बिरनी. बिरनी में एक तरफ प्रतिदिन सैकड़ों ट्रैक्टर अवेध तरीके से बालू का उठाव कर बालू की तस्करी की जा रही है, तो दूसरी ओर सरकारी कार्य या फिर अबुआ आवास में लोग चोरी-छिपे बालू उपयोग करने को मजबूर हैं. बालू का सरकारी लीज नहीं रहने के कारण बालू तस्कर मोटी कमाई कर रहे हैं, तो अबुआ आवास बनाने वाले गरीब लोगों को महंगे दाम पर ट्रैक्टर चालक व मालिक से बालू खरीदना पड़ता है. बावजूद इसके सरकार कोई दिशानिर्देश जारी नहीं कर रही है. इसमें गरीब पिस रहे हैं.
प्रतिदिन होती है 200 ट्रैक्टर बालू की तस्करी : विदित हो कि बिरनी प्रखंड की कपिलो पंचायत अंतर्गत चानो बराकर घाट से प्रतिदिन अवैध तरीके से 200 ट्रैक्टर प्रतिदिन बालू का उठाव कर कोडरमा ले जाया जाता है. इसके बाद तस्कर उसे अलग-अलग जगहों पर डंप कर अलग-अलग राज्यों में ऊंचे दाम पर बेचते हैं. मरकच्चो थाना क्षेत्र के पपलो बराकर पुल के नीचे से धड़ल्ले से बालू उठाव के कारण बराकर पुल का अस्तित्व खतरे में है. बावजूद इस ओर बिरनी के सीओ का ध्यान नहीं है.बिरनी में स्वीकृत 1238 अबुआ आवास
विदित हो कि बिरनी प्रखंड की 28 पंचायतों में 1238 अबुआ आवास स्वीकृत हैं, पर सरकार ने बालू को लेकर कोई निर्देश जारी नहीं किया है. इस वजह से आवास बनाने के लिए चोरी का बालू खरीदना मजबूरी है. बीडीओ सुनील वर्मा व सीओ सारांश जैन के मोबाइल पर संपर्क किया गया, परंतु कॉल रिसीव नहीं हुआ.