जवान बेटे के अंतिम दर्शन के इंतजार में पथरा गयी बूढ़ी मां की आखें, घर में नहीं जल रहे चूल्हे

रोजी-रोटी की तलाश में काम करने मलेशिया गए बगोदर के बरईबारी के प्रवासी मजदूर की मौत के दस दिनों बाद भी उनका पार्थिव शरीर घर नहीं पहुंचा है. शव के घर नहीं पहुंचने पर घर-परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 10, 2024 12:36 AM

रोजी-रोटी की तलाश में काम करने मलेशिया गए बगोदर के बरईबारी के प्रवासी मजदूर की मौत के दस दिनों बाद भी उनका पार्थिव शरीर घर नहीं पहुंचा है. शव के घर नहीं पहुंचने पर घर-परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट रहा है. मृतक प्रवासी मजदूर की बूढ़ी मां अपने जवान बेटे का शव आने का इंतजार घर के बाहर चौखट पर बैठकर टकटकी लगाए हुए है. मृतक के पिता, पत्नी, छोटा भाई, बहने भी दस दिनों से परेशान हैं. बता दें कि बगोदर थाना क्षेत्र के जरमुन्ने पूर्वी पंचायत के नावाडीह बरइबारी निवासी प्रवासी मजदूर संतोष महतो, 24 वर्ष (पिता बरून महतो ) का मलेशिया में तबियत बिगड़ने से 30 जून को मौत हो गयी है. इसी साल चार मई को प्रवासी मजदूर संतोष महतो ट्रांसमिशन लाइन में काम करने के लिए मलेशिया के सरावाक गया था और एक पखवारे से बीमार चल रहा था. मौत के दस दिनों के बाद भी बेटे का शव कंपनी द्वारा नहीं भेजे जाने पर घर के सदस्यों का रो रोकर बुरा हाल है. मृतक की पत्नी सुमन देवी ने कहा कि उनके पति पूरी तरह से स्वस्थ होकर रोजी रोटी के लिए दो माह पूर्व स्थानीय ठेकेदार के माध्यम से मलेशिया में एलएनटी ट्रांसमिशन लाइन में काम करने गये थे. शुरूआती दौर एक माह बढ़िया काम किये जाने की बात पति ने बताई. लेकिन जून माह में तबियत खराब होने की बात कहते थे. यह भी कहते थे कि इलाज चल रहा है. लेकिन अचानक 30 जून को पति की मौत की सूचना मिलती है. पति के गुजरे दस दिन हो गए हैं. लेकिन उनका शव अबतक कंपनी नहीं भेज रही है. न ही उचित मुआवजा राशि. बताया कि चार साल का छोटा बच्चा है. मृतक की पत्नी ने स्थानीय जन प्रतिनिधि, राज्य सरकार और भारत सरकार से अपने पति को अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव शरीर जल्द से जल्द भेजने की गुहार लगाई है. मृतक संतोष की मां जसवा देवी ने, पिता वरूण महतो, बहन मंजु देवी, भाई कामेश्वर कुमार ने भी अपने भाई के शव लाने के लिए गुहार लगाई है. इधर बगोदर विधायक विनोद कुमार सिंह ने मृतक मजदूर के परिजनों से मिलकर इस दुख की घड़ी में हिम्मत दी है. साथ ही कंपनी से बातचीत की है और उचित मुआवजा के साथ मृतक का पार्थिव शरीर भेजने की बात कही है. जिप सदस्य दुर्गेश कुमार ने बताया कि केंद्रीय बाल विकास मंत्री सह सांसद अन्नपूर्णा देवी को दूरभाष पर सूचना दी गयी है. उन्होंने पहल करते हुए भारतीय दूतावास को पत्र भी भेजा है. बताया कि कंपनी इस मामले में जो उचित मुआवजा राशि है, उसका भुगतान करें और अविलंब मृतक मजदूर का शव मलेशिया से भेजने की पहल करें.

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