मौत के एक हफ्ते हो गये, मलेशिया से नहीं आया संतोष का शव
संतोष महतो (22) का शव विदेश में पड़ा है. परिजन उसे लाने की गुहार कर रहे हैं. बारून महतो का पुत्र संतोष महतो रोजगार के लिए गत चार मई को मलेशिया गया था.
गिरिडीह जिले के संतोष महतो (22) का शव विदेश में पड़ा है. परिजन उसे लाने की गुहार कर रहे हैं. लेकिन कोई सुन नहीं रहा है. बगोदर थानाअंतर्गत जरमुने पूर्वी पंचायत के नावाडीह ग्राम के बरेबारी निवासी बारून महतो का पुत्र संतोष महतो रोजगार के लिए गत चार मई को मलेशिया गया था. मृतक की पत्नी सुमन देवी ने बताया कि वहां एलएनटी कंपनी में वह नौकरी कर रहा था. 30 जून को अचानक उसकी मौत की खबर आयी. वह शव के इंतजार में है. फिलहाल किसी तरह की आर्थिक मदद भी नहीं मिली है, जबकि परिवार की माली हालत अच्छी नहीं है. मृतक को दो साल का एक पुत्र आदित्य कुमार है. उसकी पढ़ाई-लिखाई और लालन-पोषण का सवाल परिजनों को चिंतित कर रहा है. प्रवासी मजदूरों के लिए काम करने वाले समाजिक कार्यकर्ता सिकन्दर अली मृतक के घर पहुंचे और संवेदना प्रकट की. उन्होंने एक सप्ताह बाद भी शव के नहीं पहुंचने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने सरकार से शव लाने की मांग की है, ताकि अंतिम संस्कार किया जा सके. उन्होंने पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग भी की है.
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