अमतरो प्राथमिक विद्यालय भवन निर्माण स्वीकृति की मांग को लेकर भाकपा माले और इंकलाबी नौजवान सभा ने गुरुवार को बच्चों के साथ सड़क पर बैठकर विद्यालय का संचालन कर दिया. यहां गावां-नवादा बिहार पथ को जाम कर करीब पांच घंटे से अमतरो गांव के पास क्लास लगायी गयी. इसके कारण सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गयी. सड़क जाम कर विद्यालय संचालन की सूचना पर सीओ अविनाश रंजन, बीडीओ महेंद्र रविदास, थाना प्रभारी महेश चंद्र आदि पहुंचे और सड़क जाम हटाने की अपील करने लगे. कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित पूर्व विधायक राजकुमार यादव ने कहा कि वर्ष 2022 में ही जर्जर विद्यालय भवन को लेकर डीसी से लिखित आवेदन देकर जर्जर भवन को ध्वस्त करते हुए नया भवन बनाने की मांग की गयी थी. लेकिन दो वर्षों के बाद भी भवन नहीं बनने से इस विद्यालय के छात्र-छात्राओं को दूसरे विद्यालय भवन में जाकर शिक्षा ग्रहण करना पड़ रहा है. इससे हमेशा बड़ी दुर्घटना की आशंका बनी रहती है.
सांसद और विधायक पर फंड नहीं देने का आरोप
श्री यादव ने कहा कि इस गांव के 70 प्रतिशत दलित बच्चे शिक्षा से आज वंचित हैं. मध्याह्न भोजन भी नहीं मिल रहा है. विधायक और सांसद को प्रत्येक वर्ष पांच-पांच करोड़ रुपये का फंड मिलता है, उनका ध्लेयान इस ओर कोई ध्यान नहीं जा रहा है. कहा कि 20 लाख का एस्टीमेट बनकर तैयार है. अगर सांसद और विधायक अपने मद से 10-10 लाख रुपये भी दिये होते, तो आज विद्यालय का भवन बन गया होता. कहा कि चार दिन पूर्व बीडीओ, सीओ, बीइइओ समेत अन्य अधिकारियों को लिखित सूचना देकर विद्यालय भवन स्वीकृति की मांग का अल्टीमेटम दिया गया था. उन्होंने कहा जब तक विद्यालय भवन की स्वीकृति नहीं मिल जाती है, तब तक सड़क पर ही विद्यालय चलेगा.
लिखित आश्वासन पर खत्म हुआ आंदोलन
तकरीबन छह घंटे के बाद प्रशासन ने 15 दिनों के अंदर भवन स्वीकृति और जमीन उपलब्ध कराने का लिखित आश्वासन दिया. इसके बाद आंदोलन समाप्त किया गया. जाम समाप्त होने पर वाहनों का आवागमन सुचारू रूप से चालू हुआ. पूर्व विधायक श्री यादव ने कहा कि यदि 15 दिनों में प्रशासन भवन की स्वीकृति नहीं देती है, तो पुनः सड़क पर उतरकर बड़ा आंदोलन किया जायेगा.
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