फुलजोरी पंचायत में गड़बड़ी देख जतायी नाराजगी
मुखिया की वित्तीय शक्ति देने को ले डीसी ने गठित की है टीम
गांडेय.
मनरेगा अधिनियम के अनुरूप योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं करने, राशि की निकासी, वित्तीय अनियमितता के बाद फुलजोरी पंचायत के मुखिया की वित्तीय शक्ति जब्त है. मुखिया की वित्तीय शक्ति प्रदान करने के लिए डीसी के आदेश पर गठित जांच दल ने सोमवार को योजनाओं की जांच एसडीएम श्रीकांत यशवंत विस्पुते ने की. जांच में योजनाओं की तकनीकी व प्रशासनिक स्वीकृति, मस्टर रोल, एमबी एवं स्थलीय जांच में गड़बड़ियों की लंबी फेहरिस्त मिली. एसडीएम ने सबसे पहले रिजवान अंसारी के तालाब की जांच की. जांच में पाया कि 23 मई 2023 की जांच में एक दो दिन कार्य करने का जिक्र था. जबकि उक्त योजना में 14 व 28 जनवरी तथा पांच व 14 फरवरी 2023 को डिमांड कर 62 हजार की निकासी कर ली गयी है. जबकि, एमबी बैक डेट से भरी गयी है. इशके बाद एसडीएम ने मोचियाडीह में शमशेर अंसारी के तालाब निर्माण की जांच की. जांच के क्रम में लाभुक शमशेर ने योजना को मुखिया का तालाब बताते हुए दूसरा अर्धनिर्मित तालाब दिखाया. साथ जांच में योजना स्थल की जमीन यमुना तुरी की होने की बात भी कही. एसडीएम ने लाभुक व जमीन मालिक को जमीन के कागजात दिखाने करने का निर्देश दिया. कहा कि लाभुक कोई और जमीन किसी और की है, तो चेक स्लिप किस आधार पर बना. यह भी जांच का विषय है. कसियाटांड़ में भी तालाब निर्माण की जांच की, जिसमें 1.8 लाख की निकासी हो चुकी है. यहां एमबी के पूर्व पेमेंट की बात सामने आयी. इसी तरह रहमत खेत के पास तालाब निर्माण की जांच में पता चला कि यहां गैरमजरुआ जमीन पर काम हो रहा था. वहीं, जीतलाल मुर्मू के तालाब की जांच में निकासी 22,752 रुपये निकासी और 14 हजार की एमबी किये जाने एवं गैरमजरूआ जमीन में कार्य किये जाने की बात सामने आयी. नुरेशा बीबी के सिंचाई कूप की जांच में पुराने कूप में काम करने का खुलासा हुआ. जांच के क्रम में अधिकांश योजनाओं में गड़बड़ी देख एसडीएम काफी नाराज दिखे और दोषियों को फटकार भी लगायी. मौके पर बीडीओ निसात अंजुम, मो.शौकत, मो.सुलेमान, मो.मुस्तकीम समेत अन्य मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है