देश व राजनीति से धर्म को अलग रखने के हिमायती थे डॉ आंबेडकर : रामदेव

गिरिडीह कॉलेज में ‘डॉ भीमराव आंबेडकर चिंतन व विचार’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | April 13, 2024 11:34 PM

गिरिडीह. 14 अप्रैल को बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर जयंती है. रविवार को साप्ताहिक अवकाश होने के कारण 13 अप्रैल को ही उनकी जयंती के उपलक्ष्य में गिरिडीह कॉलेज में ‘डॉ भीमराव आंबेडकर चिंतन व विचार’ विषय पर एनएसएस इकाई एक व बीएड विभाग ने संगोष्ठी आयोजित की. मुख्य अतिथि के रूप में समाजसेवी रामदेव विश्वबंधु शामिल हुए. कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों ने डॉ आंबेडकर की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर किया. श्री विश्वबंधु ने आंबेडकर के विचारों के अनेक पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए गांधी और नेहरू से उनके आत्मीय संवादों पर विशेष चर्चा की. कहा कि आंबेडकर देश और राजनीति से धर्म को अलग देखने और रखने के हिमायती थे. शंकर पांडेय ने बाबा साहेब की शिक्षा और उनके संघर्षों पर प्रकाश डाला. इतिहास के प्रो. डॉ धनेश्वर रजक ने भारतीय समाज व संस्कृति के आधुनिक व्याख्याकार के रूप में डॉ आंबेडकर को याद किया. राजनीति विज्ञान के प्रो. बालेंदु शेखर त्रिपाठी ने डॉ आंबेडकर को एक सतत अध्ययनशील और पूर्वग्राह मुक्त चिंतक और ऐक्टिविस्ट बताया. राजनीति विज्ञान के ही प्रो. राजकुमार वर्मा ने बाबा साहेब को तत्कालीन भारतीय सामाजिक और राजनीतिक परिस्थितियों में समझने की जरूरत पर प्रकाश डाला. बीएड की श्वेता कुमारी और अजय कुमार रजक, राजनीति विज्ञान के केशव कुमार और सूरज कुमार ने भी अपने विचार रखे. अध्यक्षता कॉलेज के प्राचार्य डॉ अनुज कुमार व संचालन बीएड के सहायक प्रो. धर्मेंद्र कुमार वर्मा ने किया. एनएसएस के कार्यक्रम पदाधिकारी व हिंदी के प्रो. डॉ बलभद्र सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया. कार्यक्रम में शैलेश चंद्र प्रसाद, प्रदीप कुमार, संतोष सिंह, पंकज कुमार प्रियदर्शी व कॉलेज के छात्र मौजूद थे.

Next Article

Exit mobile version