नाबालिग से दुष्कर्म मामले में सात दोषी करार
नाबालिग से दुष्कर्म मामले में सात दोषी करार
प्रतिनिधि, गिरिडीह
निमियाघाट थाना क्षेत्र के एक गांव में करमा पर्व के मौके पर एक नाबालिग किशोरी के साथ जबरन दुष्कर्म करने और फिर गर्भपात कराने के मामले में जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश अष्टम यशवंत प्रकाश की अदालत ने सात लोगों को दोषी करार दिया है. जिन लोगों को दोषी करार दिया है, उनमें मुख्य आरोपी शिव नारायण सिंह के साथ नाबालिग किशोरी काे गर्भपात कराने में शामिल डॉ युसूफ आलम, भोला सिंह, जयनारायण महतो, सोमर सिंह, टेकलाल महतो और मनोज महतो शामिल है. यह मामला सितंबर 2015 का है. अदालत अब सजा की बिंदु पर 19 अप्रैल को फैसला सुनाई जायेगी.क्या है पूरा मामला : सितंबर माह 2015 में करमा पूजा की धूम चल रही थी. इसी दौरान किशोरी अपने सहेलियों के साथ नाच-गान कर रही थी. थोड़ी देर के बाद सब लड़कियां जाने लगी. इसी दौरान किशोरी शौच के लिए बाथरूम गयी. इसी बीच मुख्य आरोपी शिव नारायण सिंह अचानक पहुंच गया और किशोरी के साथ दुष्कर्म किया. इस मामले को लेकर पीड़िता के पिता ने निमियाघाट थाना में 30 सितंबर 2016 को प्राथमिकी दर्ज करायी थी. पुलिस ने इस मामले में पोस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था. पुलिस को दिये गये बयान में पीड़िता ने बताया था कि शिवनारायण सिंह ने उसके साथ दुष्कर्म किया और फिर उसे धमकी भी दी की अगर यह बात किसी को बताओगी तो पूरे परिवार को जान से मार देंगें. इसके बाद वह अपने घर आ गयी. इस घटना के सात-आठ माह बाद वह गर्भवती हो गयी तो पूरे गांव में हल्ला हो गया. इस मामले को लेकर उसके पिता ने लिख कर सरपंच, मुखिया एवं शारदा समिति को दिया, तब बैठक हुआ और इसमें कई लोग शामिल हुए. बैठक में पांच-पांच हजार रुपये लिया गया. इसके बाद यह फैसला सुनाया गया कि इसका गर्भपात करा दो. इसके बाद डॉ युसूफ द्वारा उसका गर्भपात कराया गया, जिसका खर्च शिव नारायण सिंह ने दिया, जबकि गर्भपात कराने में डॉ. युसूफ के साथ उसका साथी भोला सिंह, जयनारायण महतो, सोमर सिंह, टेकलाल महतो और मनोज महतो भी शामिल था. इसी मामले में बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनने के बाद जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश अष्टम यशवंत प्रकाश की अदालत ने आरोपियों को दोषी करार दिया है. अदालत सजा के बिंदु पर 19 अप्रैल को सुनवाई करेगी.