गर्मी में किसी तरह करते हैं पानी का जुगाड़
सरिया. बड़की सरिया को पांच वर्ष पूर्व नगर पंचायत का दर्जा, लेकिन सुविधा नहीं मिल पा रही है. जबकि, यहां के लोग निर्धारित होल्डिंग टैक्स देते रहे हैं. यहां की मूलभूत समस्याओं में एक है शुद्ध पेयजलापूर्ति. नगर पंचायत बनने के बाद भी क्षेत्र में शुद्ध पेयजलापूर्ति की सुविधा लोगों को नहीं मिली है. नियमित पेयजलापूर्ति की मांग को लेकर कई बार सड़क जाम, धरना, प्रदर्शन जैसे आंदोलन भी हुए, लेकिन बात नहीं बनी. विभागीय अधिकारियों सिर्फ आश्वासन ही दे रहे हैं.नौ करोड़ की लागत से शुरू हुई जलापूर्ति योजना
मालूम रहे कि वर्ष 2010 में लगभग नौ करोड़ की लागत से शहरी क्षेत्र के लोगों की प्यास बुझाने के लिए पेयजलापूर्ति योजना को धरातल पर उतरी गयी थी. इसके लिए बराकर नदी में इंटेक वेल बनाया गया. वहां से पाइपलाइन बिछाकर नवाडीह मोड़, कोवड़िया टोला, ठाकुरबाड़ी टोला, नेताजी पार्क, बड़की सरिया, चंद्रमारणी, मंधनिया, बलिडीह, सरिया बाजार समेत अन्य मुहल्ले में पेयजलापूर्ति की व्यवस्था की गयी. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सरिया परिसर तथा झंडा चौक के पास पीडब्ल्यूडी की जमीन पर दो-दो जलमीनार बनाये गये. अस्पताल परिसर में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया. जलापूर्ति भी शुरू हुई. कुछ वर्षों तक योजना का हाल ठीक रहा. इसके बाद विभागीय उदासीन रवैया के कारण यह योजना फेल हो गयी. दोनों जलमीनार बेकार हो गये. बार-बार मोटर का जलना, इंटेक वेल में बालू जमा होने समेत अन्य समस्या आने लगी. लाभुक समिति की अध्यक्ष तत्कालीन मुखिया शोभा देवी ने कई बार मोटर की मरम्मत करवा जलापूर्ति करायी जा रही. लेकिन, कुछ माह बाद समिति भी हाथ खड़ा कर दिया. इस विभाग में कार्यरत कर्मियों के अनुसार इस योजना में जलापूर्ति के लिए बराकर नदी पर बने इंटक वेल में बालू जमा होने व मोटर खराब हो जाने के कारण यह योजना वर्षों से बंद पड़ी है. यदि विभाग इस पर रूचि दिखाये तो यह योजना पुनः चालू हो सकती है.क्या कहते हैं नगर पंचायत के अधिकारी
बड़की सरिया नगर पंचायत कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार उक्त योजना ग्रामीण पेयजलापूर्ति के तहत बनायी गयी थी. कुछ ही वर्षों में जलापूर्ति बंद हो गयी. बड़की सरिया को नगर पंचायत घोषित कर इस योजना नगर पंचायत को हस्तांतरित कर दिया गया. इसके बाद उक्त समस्या से निदान को लेकर वर्ल्ड बैंक की मदद से बड़की सरिया नगर पंचायत क्षेत्र में नियमित व सुचारू ढंग से पेयजलापूर्ति सुविधा बहाल करने को लेकर डीपीआर तैयार किया गया. लगभग 46 करोड़ की लागत से पेयजलापूर्ति सुविधा पुनः बहाल करने के लिए विभाग एवं झारखंड कैबिनेट से इसकी अनुशंसा भी कर दी गयी है. निविदा निकाली गयी, लेकिन दो बार किसी संवेदक ने टेंडर नहीं भरा. इसके कारण कार्य धरातल पर नही उतरा. विभाग तीसरी बार टेंडर निकालने की प्रक्रिया चल रही है. लोकसभा चुनाव के बाद निविदा की प्रक्रिया पूरी होने की संभावना है. बड़की सरिया नगर पंचायत प्रबंधक विशाल सिन्हा ने कहा कि जब तक इस योजना का लाभ नगर पंचायत क्षेत्र के लोगों तक नहीं पहुंच पाता, पूर्व के वर्षों की तरह ड्राई जोन में टंकी से पानी की व्यवस्था की जायेगी.क्या कहते हैं स्थानीय लोग
शहरी क्षेत्र से विभाग को समय पर राजस्व की प्राप्ति होता है, परंतु लोगों को नगर पंचायत की सुविधा नहीं मिलरही है. विभाग पेयजल की व्यवस्था करे. अन्यथा लोग सड़क पर उतरने के लिए मजबूर होंगे.विनोद प्रसाद ठाकुर, बड़की सरिया
पेयजल सभी के लिए महत्वपूर्ण है. इस भीषण गर्मी में लोगों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल पाना दुर्भाग्यपूर्ण है. अधिकारी तत्काल ग्रामीण क्षेत्र की तरह शहरी क्षेत्र में भी हर घर नल योजना की तरह लाभ दे.उमेश साव, पिपराटांड़
शहरी क्षेत्र का दर्जा मिलने के पांच वर्ष बीत जाने के बाद भी यहां के लोग पेयजल से वंचित हैं. होल्डिंग टैक्स समय पर नहीं जमा करने पर फाइन लिया जाता है. नगर पंचायत के अधिकारी पेयजल की व्यवस्था करें.कलावती देवी, चंद्रमारणी
बड़की सरिया शहरी क्षेत्र में गर्मी के दिनों में जलस्तर काफी नीचे चला जाता है. बोरिंग व चापाकल भी सूख जाते हैं. गर्मी में पेयजल की समस्या उत्पन्न हो जाती है. सरकार पेयजलापूर्ति अविलंब चालू करे.
राजेंद्र माली, ठाकुरबाड़ी टोला
चुनाव के समय जिस प्रकार उम्मीदवार घर-घर जाकर वोट मांगते हैं. पेयजल जैसे मूलभूत आवश्यकता की पूर्ति हेतु उन्हें गंभीर होनी चाहिए. जनप्रतिनिधि इस पर पहल करें, ताकि लोगों को गर्मी में पानी मिल सके.अभय कुमार, स्टेशन रोड सरिया
जनता की आवश्यकताओं के प्रति ना तो अधिकारी और ना ही जनप्रतिनिधि गंभीर हैं. जलापूर्ति की समस्या को देखते हुए सरकार इस पर तत्काल पहल करे. ऐसी नहीं हुई तो जनता आंदोलन करने पर बाध्य होगी.जीतू प्रसाद, चंद्रमारणीB
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