Giridih News :इबादत की रात है शब-ए-बरात
Giridih News :इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक माह ए शाबान की 14वीं तारीख को शब-ए-बरात मनायी जाती है. इबादत, तिलावत और सखावत (दान-पुण्य) के इस त्योहार के लिए घरों से लेकर मस्जिदों और कब्रिस्तानों में साफ सफाई का दौर अंतिम चरण में है. गुरुवार को शब-ए-बरात पर मस्जिदों व कब्रिस्तानों में अकीदतमंदों का जुटान होगा.
घरों व मस्जिदों में कुरान ख्वानी व मिलाद शरीफ का होता है आयोजन
मरहूम स्वजनों की मगफिरत के लिए मांगी जाती है दुआ
इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक माह ए शाबान की 14वीं तारीख को शब-ए-बरात मनायी जाती है. इबादत, तिलावत और सखावत (दान-पुण्य) के इस त्योहार के लिए घरों से लेकर मस्जिदों और कब्रिस्तानों में साफ सफाई का दौर अंतिम चरण में है. गुरुवार को शब-ए-बरात पर मस्जिदों व कब्रिस्तानों में अकीदतमंदों का जुटान होगा. लोग घरों में कुरानखानी व मिलाद कर फातिहा करेंगे जबकि मस्जिदों में भी मिलाद ए पाक व फातिहा किया जाएगा. बताया जाता है कि पिछले साल के कर्मों का लेखा-जोखा और आने वाले साल की तकदीर तय करने वाली इस रात को शब-ए-बरात कहा जाता है. इस रात को पूरी तरह इबादत में गुजारने की परंपरा है. अकीदतमंद नमाज, तिलावत-ए-कुरआन, कब्रिस्तान की जियारत और हैसियत के मुताबिक खैरात करते हैं. बता दें कि मुस्लिम धर्मावलंबियों के प्रमुख पर्व शब-ए-बरात के मौके पर मुस्लिम समुदाय के लोग घरों में सूजी-हलुआ व रोटी सरीखे पकवान बनाकर फातिहा कराते हैं. वहीं अपने दिवंगत स्वजनों की मगफिरत को ले कब्रिस्तान में दुआ करते हैं. मस्जिदों में रात भर इबादत की जाती है. मान्यता है कि शब ए बारात की रात इबादत करने से अल्लाह त आला रोजी-रोटी में बरकत अता फरमाते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है