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Giridih News:1952 से अब तक सिर्फ दो निर्दलीय प्रत्याशियों ने हासिल की है जीत

Giridih News:गिरिडीह जिले के अंतर्गत छह विधानसभा सीट हैं. इन सीटों पर 1952 से लेकर 2019 तक के विधानसभा चुनाव में कई निर्दलीय प्रत्याशी अपना भाग्य आजमाते रहे हैं. अब तक दर्जनाधिक निर्दलीय प्रत्याशियों ने चुनावी दंगल में उतरकर अपना भाग्य आजमाया है लेकिन सिर्फ दो निर्दलीय प्रत्याशी ही जीत हासिल करने में सफल हो पाये हैं.

फ्लैश बैक

डुमरी में वर्ष 1985 में निर्दलीय प्रत्याशी शिवा महतो व बगोदर में 1980 में निर्दलीय प्रत्याशी खरगधारी प्रसाद सिंह जीते थे चुनाव

गिरिडीह जिले के अंतर्गत छह विधानसभा सीट हैं. इन सीटों पर 1952 से लेकर 2019 तक के विधानसभा चुनाव में कई निर्दलीय प्रत्याशी अपना भाग्य आजमाते रहे हैं. अब तक दर्जनाधिक निर्दलीय प्रत्याशियों ने चुनावी दंगल में उतरकर अपना भाग्य आजमाया है लेकिन सिर्फ दो निर्दलीय प्रत्याशी ही जीत हासिल करने में सफल हो पाये हैं. डुमरी विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में शिवा महतो व दूसरे बगोदर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी खरगधारी नारायण सिंह का नाम इन विजेताओं में शामिल है. इनको छोड़कर सभी निर्दलीय प्रत्याशी संघर्ष करते रहे हैं. अहम बात यह है कि विभिन्न चुनावों में चंद निर्दलीय प्रत्याशी ही चार अंकों में वोट प्राप्त कर पाये हैं. शेष तीन अंकों में ही सिमट कर रह गये हैं.

गिरिडीह विधानसभा क्षेत्र

इस सीट पर 1972 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में शंकर लाल रूंगटा चुनाव लड़े थे. उन्हें 919 वोट मिले थे. 1977 में सात निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे. इनमें छोटू राम टुडू को 1974 वोट मिले. इनके अलावा कोई भी निर्दलीय प्रत्याशी चार अंकों तक नहीं पहुंच पाया. 1985 के चुनाव में ज्योतिंद्र प्रसाद ने 8446 वोट हासिल किया. वहीं 1995 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी निर्भय कुमार शाहाबादी को 12701 वोट और मो इकबाल अख्तर को 7509 वोट मिले. साल 2000 के चुनाव में जागेश्वर सिंह को 5409 वोट मिले थे. 2005 के चुनाव में जागेश्वर सिंह को 3168 वोट, अनिमा हांसदा को 1887 वोट, दिलीप कुमार उपाध्याय को 1163 वोट मिला था. वर्ष 2009 में निर्दलीय प्रत्याशी मुन्ना लाल को 21 हजार 669 वोट, विभाकर पांडेय को 2443 वोट प्राप्त हुआ था. वर्ष 2019 में मो. लालू को 2493 वोट प्राप्त हुआ था. अन्य प्रत्याशी तीन हजार के करीब ही वोट प्राप्त कर सके.

गांडेय विधानसभा क्षेत्र :

इस सीट पर वर्ष 1977 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी सालखन सोरेन को 6302 वोट, नागेश्वर सिंह को 4153 वोट प्राप्त हुआ था. इनके अलावे सभी निर्दलीय प्रत्याशी दो हजार वोट से नीचे रहे. वर्ष 1980 में निर्दलीय प्रत्याशी सालखन सोरेन को 7565 वोट, नंदलाल गोप को 6246 वोट प्राप्त हुआ था. वर्ष 1985 से लेकर 2019 तक के चुनाव में कोई भी निर्दलीय प्रत्याशी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज नहीं करा पाये.

जमुआ विधानसभा क्षेत्र :

इस सीट पर वर्ष 1995 में निर्दलीय प्रत्याशी केदार हाजरा ने 3031 वोट प्राप्त किया था. इनको छोड़कर वर्ष 1972 से लेकर वर्ष 2000 तक किसी निर्दलीय प्रतियाशी ने मजबूत उपस्थिति दर्ज नहीं करायी. वर्ष 2005 में निर्दलीय प्रत्याशी सुकर रविदास को 3839 वोट मिले. वहीं 2019 में निर्दलीय प्रत्याशी प्रदीप कुमार हाजरा को 6442 वोट मिले. शेष निर्दलीय प्रत्याशी संघर्षरत रहे.

धनवार विधानसभा क्षेत्र : इस सीट पर वर्ष 1972 में निर्दलीय प्रत्याशी जनार्दन राय को 9435 वोट मिला था. वर्ष 1977 में निर्दलीय गुलाम रसुल अंसारी को 6154 वोट व लक्ष्मी नारायण प्रसाद को 5624 वोट मिला था. वर्ष 1980 में निर्दलीय गुलाम रसुल आजाद को 7895 वोट व गुरू सहाय महतो को 6535 वोट मिला था. वर्ष 1985 में निर्दलीय गुलाम रसुल अंसारी को 11 हजार 735 वोट व भागवत प्रसाद यादव को 7752 वोट मिला था. वर्ष 1990 में निर्दलीय बाल गोविंद प्रसाद यादव को 15 हजार 360 वोट मिला था. शेष सात हजार वोट से कम पर रहे. वर्ष 2014 के चुनाव में निर्दलीय मो. सफिक अंसारी को 28701 वोट, वर्ष 2019 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी अनूप कुमार सोंथालिया को 22 हजार 624 वोट मिले थे. अन्य चुनावों में निर्दलीय पांच हजार से कम वोट ही हासिल कर सके.

डुमरी विधानसभा क्षेत्र :

वर्ष 1985 के विस चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी शिवा महतो ने 21 हजार 082 वोट लाकर जीत हासिल किया था. इससे पूर्व वर्ष 1980 में निर्दलीय प्रत्याशी मुरली भगत को 7200 वोट मिला था. वहीं 1990 में निर्दलीय मकसूद अंसारी को 13 हजार 750 वोट मिला था. अन्य निर्दलीय प्रत्याशी चार हजार वोट के आसपास ही ला पाये. वर्ष 2009 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी लालचंद महतो को 19 हजार 084 वोट मिला था. शेष चुनावों में निर्दलीय को चार हजार के आसपास ही वोट मिला.

बगोदर विधानसभा क्षेत्र :

इस सीट पर वर्ष 1977 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी खरगधारी प्रसाद सिंह को 6007 वोट मिला था. वहीं वर्ष 1980 में खरगधारी प्रसाद सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में 18 हजार 285 वोट लाकर जीत हासिल की थी. हालांकि 1985 के चुनाव में उन्हें 9949 वोट मिला था. जबकि निर्दलीय महेंद्र प्रसाद सिंह को 4513 वोट हासिल हुआ था. वर्ष 2000 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी राजेश मंडल को 7961 वोट मिला था. शेष चुनावों में निर्दलीय प्रत्याशी पांच हजार से कम वोट ही प्राप्त कर सके.

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