सौर ऊर्जा का इस्तेमाल कृषि लागत को कम करने का सर्वोतम उपाय : सेठ
कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) में शुक्रवार को सौर ऊर्जा पर आधारित एक दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया. कार्यक्रम में गिरिडीह, गांडेय और बेंगाबाद से कई किसानों ने भाग लिया.
बेंगाबाद.
कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) में शुक्रवार को सौर ऊर्जा पर आधारित एक दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया. कार्यक्रम में गिरिडीह, गांडेय और बेंगाबाद से कई किसानों ने भाग लिया. मौके पर जेरेडा रांची के प्रशिक्षकों ने किसानों को सोलर पंप योजना और कुसुम योजना से अवगत कराया. कहा किसानों के लिए दोनों योजनाएं काफी लाभदायक हैं. भविष्य में सोलर सिस्टम का इस्तेमाल बढ़ेगा. इस संयंत्र को लगाकर प्राकृतिक संपदा का इस्तेमाल कर किसान अपनी लागत को कम कर सकते हैं. पर्यावरण पर भी इसका कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ता है. केवीके के प्रधान वैज्ञानिक डाॅ पंकज सेठ ने कहा कि किसानों को सबसे ज्यादा परेशानी सिंचाई के कार्य में होती है. किसानों को फसल की पटवन के लिए डीजल पंप और बिजली पर आश्रित रहना पड़ता है. इससे किसानों को काफी परेशानी व आर्थिक परेशानी होती है. बदलते समय के साथ तकनीक का इस्तेमाल भी बढ़ने लगा है. अब किसानों के लिए सब्सिडी पर सोलर सिस्टम उपलब्ध कराया जा रहा है. जानकारी के अभाव में किसान सोलर संबंधी योजनाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि उक्त योजनाएं व्यक्तिगत योजना है. इसमें किसान खुद अपना संयंत्र स्थापित कर लाभ उठा सकते हैं. जेरेडा के डाॅ चंदन तिवारी ने ऑनलाइन आवेदन की जानकारी दी. कहा : किसानों के लिए सोलर पंप योजना के तहत पानी वाले स्रोत में इसका लाभ लेना संभव है. कुसुम योजना से बिजली की समस्या से निजात पा सकते हैं. मौके पर वैज्ञानिक डाॅ नवीन कुमार, मधुकर कुमार, सुमन रक्षित, श्रुति कुमारी, ज्योति कुमारी, आंचल जायसवाल, गायत्री कुमारी, दिलीप कुमार सहित कई अन्य उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है