घुज्जी में 3 लाख 59 हजार रुपये की लागत से मनरेगा के तहत आम बागवानी योजना थी स्वीकृत
बिरनी. बिरनी प्रखंड के बरहमसिया पंचायत अंतर्गत घुज्जी में मनरेगा योजना के तहत मुकेश कुमार की जमीन पर 3 लाख 59 हजार रुपये की लागत से स्वीकृत आम बागवानी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है. योजना वर्ष 21-22 की है. योजना में मेटेरियल के नाम पर 43 हजार 230 रुपये व मजदूरी मद में 40 हजार रुपये मिलाकर कुल 83 हजार रुपये की निकासी कर ली गयी है लेकिन आम बागवानी में एक भी आम का पौधा नहीं लगाया गया है.मेट को नहीं है योजना की जानकारी
संबंधित योजना स्थल पर मनरेगा योजना के तहत प्राक्कलन बोर्ड में मेट दीपक कुमार का नाम अंकित है लेकिन जब दीपक कुमार से पूछा गया तो बताया गया कि उसे इसकी जानकारी नहीं है. कहा कि उक्त योजना को उसका भाई देख रहा है. दीपक के भाई पिंटू बरनवाल ने बताया कि आम बागवानी में पौधे लगाये गये थे लेकिन कुछ समस्या आ जाने के बाद वे गांव छोड़कर मजदूरी करने दूसरी जगह चले गये. इस बीच पौधाें को जानवरों ने चर लिया.क्या कहते हैं पूर्व मुखियाबरहमसिया पंचायत के पूर्व मुखिया प्रेमचंद वर्मा ने कहा कि बरहमसिया पंचायत मनरेगा योजना समेत अन्य योजनाओं में लूट के नाम से मशहूर है. अधिकारी ठोस कार्रवाई नहीं करते हैं. इसका परिणाम है कि घुज्जी में आम बागवानी में बगैर आम का पौधा लगाए 83 हजार रुपये की निकासी कर बंदरबाट कर ली गयी है. योजना की जांच कर राशि की रिकवरी करते हुए दोषी कर्मियों पर प्राथमिकी दर्ज की जाए. कहा कि बरहमसिया पंचायत की कई योजनाओं में गड़बड़ी की गयी थी. कई योजनाओं में रिकवरी की गयी लेकिन प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी. इसके बाद रांची हाइकोर्ट में पूर्व मुखिया प्रेमचंद्र वर्मा ने मुकदमा दायर किया. यह अभी भी चल रहा है.
क्या कहते हैं मुखिया :
मुखिया बिशुनदेव वर्मा ने कहा कि अगर गलत हुआ होगा तो रिकवरी होगी.क्या कहते हैं बीडीओ :
बीडीओ फणीश्वर रजवार ने कहा कि योजना की जांच के बाद ही वे कुछ बतला पाएंगे. अगर आम बागवानी में आम का पौधा नहीं लगा है तो दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है