बेंगाबाद. कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ पंकज सेठ ने कहा दूध उत्पादन के क्षेत्र में झारखंड पूरे देश में 16 वें स्थान पर है. यहां प्रति व्यक्ति मात्र 195 ग्राम ही दूध उपलब्ध है. कहा राज्य में छह लाख लीटर दूध की आवश्यकता है, जबकि झारखंड मिल्क फेडरेशन मेधा डेयरी मात्र डेढ़ लाख लीटर ही दूध की आपूर्ति कर पा रही है. शेष साढ़े चार लाख लीटर दूध के लिए देश के अन्य राज्यों पर आश्रित हैं. वह एक जून विश्व दुग्ध दिवस के मौके पर शुक्रवार को अपने कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे. कहा कि झारखंड मिल्क फेडरेशन से बीस हजार पशु पालक जुड़े हैं, जिसे और बढ़ाने की जरूरत है, तभी दूध उत्पादन की दिशा में हम आगे बढ़ पायेंगे और प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता भी बढ़ा सकते हैं. कहा राज्य में पशुपालन की असीम संभावनाएं हैं. ऐसे में किसान खासकर भूमिहीन, दैनिक मजदूर, प्रवासी मजदूर को इस व्यवसाय से जोड़ने की जरूरत है. कहा राज्य में देसी नस्ल की गायें सर्वाधिक है, जिसमें दूध उत्पादन की क्षमता काफी कम है. इसके लिए किसानों के बीच उन्नत नस्ल की गाय का पालन के लिए प्रोत्साहित करना होगा. कहा केवीके प्रति वर्ष पशुपालकों को दूध उत्पादन और इसके मूल्य संवर्धन के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम करता है. अब तक इस केंद्र से लगभग डेढ़ हजार किसान लाभान्वित हुए हैं.
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