जमीनी हकीकत
2002 में हुआ था शिलान्यास, 2005 में शुरू हुआ कार्य
2012 में पूर्ण हुआ था भवन, देखरेख के अभाव में बदहाल हुआ भवन
महिलाओं जीवन स्तर में सुधार, शिक्षा व कौशल विकास के क्षेत्र उन्हें निपुण करने की दिशा में कई योजनाएं संचालित हैं. लेकिन, इसे विडंबना कहें कि गांडेय में निर्मित महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान भवन निर्माण के 21 वर्षों बाद भी यहां पढाई शुरू नहीं हुई. आलम यह है कि रख रखाव व देखरेख के अभाव में महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान जर्जर व बदहाल होने लगा है. जानकारी के अनुसार वर्ष 2002 में गांधीनगर महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान की आधारशिला रखी गयी थी. महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के शिलान्यास से गांडेय व आसपास के लोगों व छात्राओं में उम्मीद की किरण दिखी थी कि अब व्यवसायिक, औद्योगिक व तकनीकी शिक्षा के लिए उन्हें बड़े शहरों की ओर जाना नहीं पड़ेगा. लेकिन, शिलान्यास के बाद गांधीनगर में स्थल विवाद के पेंच में फंसने से संस्थान के भवन निर्माण का कार्य लटक गया. वर्ष 2005 में मोहदा मोड़ के पास भवन निर्माण का कार्य शुरू हुआ. 67 लाख की लागत से बनने वाला भवन 2012 में बन कर तैयार हो गया. लेकिन, विभागीय शिथिलता कहें या लापरवाही कि आज तक महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में शैक्षणिक सत्र की शुरुआत नहीं हो पायी है. अब तो स्थिति यह है कि यहां शाम में शराबियों-जुआड़ियों का बना अड्डा लगता है. इससे आसपास के लोग परेशान रहते हैं. लोगों ने कई बार संबंधित विभाग से पढ़ाई शुरू करवाने की मांग की, लेकिन आज तक किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है