Suresh Jalan Private Jet: गिरिडीह, राकेश सिन्हा-विदेशों में कार्बन इलेक्ट्रोड पेस्ट का निर्यात करनेवाले गिरिडीह के प्रसिद्ध उद्योगपति सुरेश जालान ने 102 करोड़ का एयरक्राफ्ट खरीदा है. यह एयरक्राफ्ट शनिवार को गिरिडीह एयरोड्रम पर लैंड करने के बाद चर्चा का विषय बना हुआ है. बारह सीटर एयरक्राफ्ट को उद्योगपति सुरेश जालान ने व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए खरीदा है. छह माह पहले स्विट्जरलैंड में इस एयरक्राफ्ट को खरीदने के बाद इसके बॉडी का काम पूरा किया गया. भविष्य में इसका उपयोग एयर एंबुलेंस के रूप में भी किया जाएगा. इसके लिए कार्बन रिसोर्सेस कंपनी के मालिक सुरेश जालान ने 20 लाख रुपए खर्च करने की योजना बनायी है. वर्ष 2024 में खरीदे गए इस एयरक्राफ्ट के निर्माण में लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया है. गिरिडीह के लिए सुखद खबर यह है कि एयर एंबुलेंस के रूप में इसका उपयोग स्थानीय जरूरतमंदों के लिए आपात स्थिति में किया जा सकता है.
देश के साथ-साथ विदेशों में भी कार्बन पेस्ट का होता है कारोबार
गिरिडीह में सुरेश जालान ने वर्ष 1990 में लघु उद्योग की स्थापना की थी और काफी कम समय वह कार्बन इलेक्ट्रोड पेस्ट के निर्माण में एशिया की सबसे बड़ी कंपनी बन गयी. इस कंपनी की कई फैक्ट्रियां गिरिडीह के साथ-साथ बेगूसराय, दुर्गापुर, विशाखापटनम और हल्दिया में है. कार्बन इलेक्ट्रोड पेस्ट का इस्तेमाल स्टील के निर्माण में किया जाता है. यह कंपनी देश की कई बड़ी कंपनियों को पेस्ट की आपूर्ति तो करती ही है, विदेशों में भी इसका निर्यात किया जाता है. इंडोनेशिया, पुर्तगाल, भूटान और सिंगापुर आदि देशों में कार्बन पेस्ट की काफी डिमांड है.
दोनों बेटे अभिषेक और अभिनव हैं कुशल व्यवसायी
सुरेश जालान के दो पुत्र अभिषेक और अभिनव हैं. दोनों बेटे प्रतिभावान होने के साथ-साथ कुशल व्यवसायी भी हैं. झारखंड और बिहार के सबसे बड़े टैक्स पेयर के रूप में सुरेश जालान की कंपनी ने जगह बनायी है. बताया जाता है कि देश के 500 बड़े उद्योगपतियों में सुरेश जालान का नाम शामिल है. वर्तमान में अभिषेक और अभिनव व्यवसाय को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं. देश के कई राज्यों में सुरेश जालान की कंपनियों के कार्यालय हैं.
पिता के साथ-साथ बेटों को भी है सामाजिक दायित्व का बोध
सुरेश जालान तो सामाजिक कार्यों में बेहद दिलचस्पी लेते ही हैं, पिता के साथ-साथ उनके दोनों बेटों को भी सामाजिक दायित्व का बोध है. कई सामाजिक संस्थाओं को आर्थिक सहयोग देकर गरीबों की मदद करते हैं. सुरेश जालान दस करोड़ की लागत से कोलकाता में एक अस्पताल का निर्माण करवा रहे हैं. गिरिडीह में यक्ष्मा (टीबी) रोगियों के लिए अस्पताल में दूध की नि:शुल्क आपूर्ति की जाती है. गिरिडीह गौशाला में भी इनका काफी योगदान रहता है. गिरिडीह रोटरी क्लब द्वारा संचालित अस्पताल में इन्होंने डायलाइसिस के लिए मशीन उपलब्ध करायी है. गिरिडीह वकालतखाना में भी इन्होंने आर्थिक सहयोग देकर अधिवक्ताओं को सुविधा प्रदान की है. कुछ दिन पूर्व गिरिडीह में हुई बस दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल लोगों को सुरेश जालान के पुत्र अभिनव ने एयरलिफ्ट की सुविधा कंपनी की ओर से दिलाने का प्रस्ताव जिला प्रशासन को दिया था. उस वक्त रात रहने के कारण घायलों को एयरलिफ्ट की सुविधा नहीं मिल पायी थी. इस कारण दोनों घायलों की मौत हो गयी. इसका मलाल अभिनव को भी है. ऐसी स्थिति में गिरिडीह के लोगों को इसका लाभ मिल सकेगा.
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