मुख्यधारा से जुड़कर आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाएं

गिरिडीह एसपी दीपक कुमार शर्मा रविवार को नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के 10 लाख के इनामी नक्सली साहब राम मांझी के घर पहुंचे. इस दौरान एसपी ने साहेबरामके घरवालों से वार्ता की.

By Prabhat Khabar News Desk | August 11, 2024 11:13 PM

10 लाख के फरार इनामी नक्सली साहेबराम मांझी के परिजनों ने मिले एसपी, कहा

प्रतिनिधि.

गिरिडीह एसपी दीपक कुमार शर्मा रविवार को नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के 10 लाख के इनामी नक्सली साहब राम मांझी के घर पहुंचे. इस दौरान एसपी ने साहेबरामके घरवालों से वार्ता की. उन्हें बताया कि हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्य सार्वजनिक जीवन में आना ही सही रास्ता है. मुख्यधारा में लौटने से साहेबराम के साथ उनके पूरे परिवार का कल्याण होगा. इस क्रम में एसपी श्री शर्मा ने साहेबराम के परिजनों को झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति की जानकारी दी. बताया कि इस नीति के तहत सरेंडर करने से क्या लाभ मिलेगा. एसपी ने यह भी बताया कि जिन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है उन्हें सरकार की योजना का लाभ मिल रहा है.

जल्द होगा करंदो की सड़क का निर्माण :

एसपी ने इस दौरान यह कहा कि नक्सल प्रभावित इलाके के विकास को लेकर गिरिडीह पुलिस पूरी तरह से सजग है और विकास कार्य को लेकर लगातार पत्राचार किया जाता है. करंदो की सड़क और पुल के निर्माण को लेकर पत्र लिखा गया है.

बेझिझक पहुंचें कार्यालय :

एसपी ने ने स्थानीय लोगों से बात की. कहा कि आमजनों की सेवा के लिए पुलिस हमेशा तैयार रहती है. किसी को भी उनकी जरूरत पड़े तो, वे बेझिझक होकर उनके कार्यालय पहुंच सकते हैं. एसपी ने कहा कि क्षेत्र के जरूरतमंद को इलाज, विवाह, शिक्षा समेत अन्य कार्य के लिए किसी तरह की मदद की आवश्यकता हो तो वे भी उनसे संपर्क कर सकते हैं.

बच्चों के बीच बांटा चॉकलेट :

उग्रवाद प्रभावित इलाके में पहुंचते ही एसपी दीपक शर्मा ने बच्चों से भी मुलाकात की. उनकी पढ़ाई के संदर्भ में बात की तो उनके बीच चॉकलेट-बिस्कुट भी बांटा. इस दौरान डीएसपी कौशर अली, एसडीपीओ सुमित कुमार, पीरटांड थाना प्रभारी गौतम कुमार, अवर निरीक्षक सुनील कुमार भी मौजूद थे.

15 वर्ष की उम्र में निकला था घर से :

मालूम रहे कि साहेबराम मांझी वर्तमान में भाकपा माओवादी जोनल कमेटी का सदस्य है. उस पर गिरिडीह जिले के अलावा अन्य जिलों में भी कई मुकदमा दर्ज है. रविवार को जब एसपी साहेबराम के घर पहुंचे तो परिजनों ने बतलाया कि 15 वर्ष की उम्र में ही साहेब घर से निकल गया था. अभी साहेब के तीन बच्चे हैं. दो लड़का मुंबई में काम करता है और एक घर पर रहकर पढ़ाई कर रहा है. पत्नी गृहस्थ के कार्य में लगी रहती है.

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