आस्था का प्रतीक है ठाकुरबाड़ी मैदान का चैती दुर्गा मंदिर
सरिया प्रखंड क्षेत्र में हिंदू धर्मावलंबियों के लिए आस्था का प्रतीक है ठाकुरबाड़ी मैदान सरिया में स्थापित मां दुर्गा जी का मंदिर.
152 वर्षों से हो रही है मां दुर्गा की वैष्णव विधि से पूजा
सरिया. सरिया प्रखंड क्षेत्र में हिंदू धर्मावलंबियों के लिए आस्था का प्रतीक है ठाकुरबाड़ी मैदान सरिया में स्थापित मां दुर्गा जी का मंदिर. यहां बीते 152 वर्षों से वैष्णव रीति से चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि से नवमी तक मां दुर्गा की शोडषोपचार पूजा की जाती रही है. दशमी को भव्य मेला लगता है. इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां जो भी भक्त मंदिर में पूजा करते हैं माता रानी उनके सभी मनोरथ पूर्ण करती हैं. इसलिए यहां प्रतिदिन सरिया क्षेत्र के सैकड़ों श्रद्धालु सुबह-शाम पूजा व संध्या आरती करने पहुंचते हैं. मंदिर के पुजारी राकेश पांडेय ने बताया कि श्री लक्ष्मीनारायण-राधास्वामी ठाकुरबाड़ी मंदिर में स्थापित दुर्गा मंदिर की स्थापना बाबू ठाकुर दयाल राय व बाबू भट्ट राय की उपस्थिति में हुई थी. आज उनकी सातवीं पीढ़ी मंदिर का देखभाल कर रही है. वर्तमान में श्री लक्ष्मीनारायण-राधा स्वामी ट्रस्ट के स्थायी अध्यक्ष जिला के उपायुक्त तथा कार्यकारी अध्यक्ष कोडरमा के पूर्व सांसद डॉ रवींद्र कुमार राय हैं. संस्थापक सदस्यों ने लक्ष्मी नारायण मंदिर के नाम से 11 एकड़ जमीन दान दी थी. इसमें पांच एकड़ जमीन पर ठाकुरबाड़ी व चैती दुर्गा पूजा के लिए भव्य मंदिर का निर्माण हुआ है. वहीं, छह एकड़ जमीन में मंदिर की व्यवस्था एवं नित्य भोग निवेदन के लिए खेती-बाड़ी की जाती है. बदा दें कि पूर्व में चैती दुर्गा पूजा ठाकुरबाड़ी परिसर में एक छोटे से मंदिर में होती थी. बाद में मंदिर जर्जर हो गयी. इधर, श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने लगी. मंदिर में पूजा पाठ में परेशानी होने लगी. इसे देखते हुए ट्रस्ट ने वर्ष 2002 में भव्य मंदिर बनवाया, यहां मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूप की मूर्ति स्थापित की गयी है. भगवती और काली मां की अलग-अलग मूर्तियां हैं. मंदिर में देवी के कुल 11 रूपों की स्थापना हुई है. ठाकुरवाड़ी मंदिर की स्थापना के प्रारंभ में महंत रामदास जी महाराज थे. उनके बाद रामलखन दास महंत बने. वर्तमान में अर्जुन दास महंत हैं.