गिरिडीह. जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने दहेज हत्या के मामले में आरोपी पति रूस्तम अंसारी के खिलाफ दस साल की सजा सुनायी है और 25 हजार का जुर्माना भी लगाया है. शायरा परवीन की मौत हो गयी थी. इस मामले को लेकर तिसरी थाना में दहेज हत्या की प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. मृतका के पिता रफीद अंसारी ने थाना में दिये बयान में कहा कि गिरिडीह के पचंबा का रहने वाला है और मजदूरी करता है. उसने पांच मई 2012 को अपनी बेटी शायरा परवीन का निकाह तिसरी थाना क्षेत्र के चंदौरी निवासी रुस्तम अंसारी से करवाया था. उसने डेढ़ लाख रुपये नकद व 80 हजार रुपये का सामान भी दिया था. शादी के बाद शायरा ससुराल में एक माह तक ठीक से रही. इसके बाद ससुर अयूब अंसारी, पति रुस्तम अंसारी, सास वजीरा खातून, देवर युनूस अंसारी, इस्लाम अंसारी व सद्दाम अंसारी, भैसुर फारूख अंसारी, लड़का का मामा गफूर अंसारी समेत अन्य लोग दहेज की मांग करने लगे. 60 हजार रुपये के साथ-साथ एक बाइक की मांग की जा रही थी. इसके लिए ससुराल वाले उसकी बेटी के साथ लगातार मारपीट करने लगे. जब वह लोग दहेज की मांग पूरी नहीं कर सके, तो उसकी बेटी की हत्या छह फरवरी 2010 को कर दी. रफीद के बयान के आधार पर पुलिस ने भादवि 306 के तहत मामला दर्ज कर पुलिस ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट अदालत को सौंप दी. दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलील सुनने के बाद अंतत: जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर दो आनंद प्रकाश की अदालत ने आरोपी रुस्तम अंसारी को 10 साल की सजा सुनायी और 25 हजार का जुर्माना लगाया है. सूचक के अधिवक्ता अनिल चौधरी ने बताया कि इस मामले में सास और ससुर को चार साल पूर्व ही सजा सुनायी जा चुकी है.
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