कहा बीडीओ बोलती हैं अंग्रेजी, समझ नहीं आती बातेंबेंगाबाद. पंचायती राज के तहत निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के साथ बेंगाबाद बीडीओ के रुख पर प्रमुख मीना देवी नाराज हैं. जनसमस्या पर बात करने पर प्रमुख के साथ बीडीओ अंग्रेजी में बात करती है. बीडीओ के इस कार्यशैली से क्षुब्ध प्रमुख ने वरीय अधिकारियों को जानकारी देते हुए हिंदी अनुवादक की मांग की है. कहा पंचायती राज व्यवस्था के तहत चुने गये जनप्रतिनिधि हिंदी भी ठीक से नहीं बोल पाते हैं. ऐसे में बीडीओ से बात करने पर अंग्रेजी भाषा समझ नहीं आती है. इसके लिए उन्होंने हिंदी अनुवादक की मांग की है, ताकि उनकी बातों को समझ सकें और जनहित की बात उनके समक्ष रखी जा सके. प्रमुख का कहना है कि हाल में पंचायत समिति की बैठक होनी थी. इसके लिए बीडीओ से तिथि निर्धारण को लेकर वार्ता के लिए पहुंची. इस दौरान बीडीओ ने मनरेगा व अन्य कर्मियों के हड़ताल में जाने की बात कहते हुए प्रावधान अंग्रेजी में बताने लगी. अंग्रेजी उनकी समझ में नहीं आयी जिससे बैठक को लेकर आगे चर्चा नहीं हो सकी. जबकि, जिले के कुछ प्रखंडों में हड़ताल अवधि में भी पंचायत समिति की बैठक हो चुकी है. कहा बीडीओ अंग्रेजी में बोलकर जनप्रतिनिधियों का अपमान कर रही हैं और बैठक कराने से कतरा रही है. इस स्थिति में हिंदी अनुवादक मिलने से उनकी भाषा समझने व उत्तर देने में सहूलियत होगी.
शनिवार को कई पंचायत में हुई ग्रामसभा
प्रमुख मीना देवी का कहना है कि बीडीओ ने पत्र देकर अबुआ आवास योजना के लिए शुक्रवार को कार्यशाला बुलाई थी, लेकिन ना तो बीडीओ कार्यशाला में पहुंची और ना ही कोई अधिकारी. इसके कारण कार्यशाला नहीं हुई. वहीं, प्राप्त पत्र से पता चला कि कुछ पंचायतों में अबुआ आवास के लाभुक चयन के ग्राम सभा हो रही है. जब वह बडकीटांड़ व मानजोरी पंचायत पहुंची तो पंचायत सचिवालय में ताला बंद था. रोस्टर के अनुसार ग्राम सभा नहीं हो रही थी. इसके बाद उन्होंने वरीय अधिकारियों से इसकी शिकायत करने का मन बनाया. इसके बांद चंद मिनट में संशोधित ग्राम सभा की सूची प्रखंड कार्यालय से निर्गत कीू गयी. शनिवार प्रमुख बेंगाबाद, गोलगो और मधवाडीह पहुंची, तो वहां ग्रामसभा हो रही थी और काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे. इस पर उन्होंने संतुष्टि जतायी. कहा ग्रामसभा ठीक से हो रही थी. बेंगाबाद में सबसे अधिक उपस्थिति दिखी. इधर, प्रमुख के रेस होने पर खानापूर्ति कर कागजी ग्राम सभा कर मुद्रामोचन करने में जुटे कर्मियों में हड़कंप है और वह ग्रामीणों के बीच जाकर लाभुक चयन में जुट गये हैं.
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