गैंग के सदस्यों की गतिविधियां बढ़ा, दहशत फैलाने के लिए फिर की जा रही है स्थानीय अपराधियों से संपर्क
गिरिडीह.
जिले के अधिकारियों के ना चाहते हुए भी कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू को गिरिडीह जिले में शिफ्ट तो कर दिया गया लेकिन कारा विभाग के लिए यह सर दर्द साबित हो रहा है. बता दें कि कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू को गिरिडीह केंद्रीय कारा में दूसरी बार शिफ्ट किया गया है. गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के आदेश पर इस बार अमन साहू को 20 जून 2024 को मेदनीनगर कारा से गिरिडीह जेल लाया गया. गिरिडीह जेल में शिफ्ट होने के बाद से हीं अमन साहू तरह-तरह की मांग जेल अधिकारियों के समक्ष रख रहा है. इसमें कई प्रतिबंधित सुविधाएं भी शामिल है. सूत्रों की माने तो पिछले दिनों खाने की बेहतर व्यवस्था की मांग को लेकर जेल अधिकारियों से बहस हुई है. इसके बाद से जेल के अंदर दहशत फैलाने के लिए अमन साहू तरह-तरह के हथकंङे अपना रहा है. इस दौरान अमन ने अपने गिरोह के सदस्यों को भी कई मैसेज दिया है जिसके बाद गिरोह के सदस्यों की गतिविधियां गिरिडीह में बढ गयी है. जहां एक ओर जेल सुपरिटेंडेंट को विदेशों के मोबाइल नंबर के जरीये धमकियां दी जा रही है वहीं दूसरी ओर स्थानीय अपराधियों से किसी घटना को अंजाम देने के संपर्क भी साधा जा रहा है. बता दें कि पिछले बार जब अमन साहू एक अप्रैल 2022 को गिरिडीह जेल आया था तो उसने जेल में बंद अपराधियों के जरीये गिरिडीह के जेलर पर हमला करवाया था. इस हमले में देवघर के मरगोमुंङा और अहिल्यापुर के अपराधियों का सहारा लिया गया था. इस बार भी दहशत फैलाने के लिए अमन साहू गैंग बङे वारदात को अंजाम देने की साजिश रच रहा है. सूत्रों की माने तो अमन साहू गिरोह झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में भी सक्रिय रहा है और इसके तार विदेशों से भी जुङे हुए है. यह गिरोह इतना शातिर है कि गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग अमन साहू को किसी एक जेल में लंबे समय तक सुरक्षा के ख्याल से रखना नहीं चाहता. आश्चर्य की बात तो यह है कि गिरिडीह जेल में जेलर पर कातिलाना हमला करने की घटना के बाद भी अमन साहू को गिरिडीह जेल शिफ्ट कर दिया गया है, जबकि जेल की सुरक्षा को लेकर पहले से हीं यहां के अधिकारी चिंतित है.850 बंदियों की सुरक्षा में मात्र तीन-चार सुरक्षाकर्मी
जेल की सुरक्षा-व्यवस्था का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जेल में 850 बंदियों की सुरक्षा-व्यवस्था में मात्र तीन-चार सुरक्षाकर्मी की हीं तैनाती हो पाती है. केंद्रीय कारा के भीतर तैनात किये जाने वाले कार्यबल की भारी कमी है. इस जेल के लिए स्वीकृत पद 38 है, लेकिन मात्र 15 बलों के भरोसे इस जेल का संचालन किया जा रहा है. आठ-आठ घंटे की तैनाती इन्हीं 15 बलों के भरोसे की जाती है. इस वक्त गिरिडीह जेल में उच्च कक्षपाल एक भी नहीं है मात्र 12 कक्षपाल है, जबकि मात्र तीन महिला कक्षपाल को पदस्थापित किया गया है. पुराने बंदियों की संख्या के आधार पर इस जेल में स्वीकृत पद 38 है लेकिन इसमें भी 23 पद वर्षो से खाली पङे हुए है. स्थिति यह है कि प्रत्येक पाली में सुरक्षा की तैनाती में जेल अधिकारियों को लंबे समय से परेशानी आ रही है और इस विपरित परिस्थिति में अमन साहू का शिफ्टिंग गिरिडीह जेल में होने से अधिकारियों का सर दर्द और बढ गया है. आश्चर्य की बात तो यह है पूर्व में भी अमन साहू को गिरिडीह जेल में रखा गया था और उस दौरान अमन साहू के इसारे पर जेलर प्रमोद कुमार पर जानलेवा हमला किया गया था और तत्कालीन जेल सुपरिटेंडेंट से भी फिरौती की मांग की गयी थी.केंद्रीय कारा सिर्फ नाम की, सुविधाएं नदारत
जेल सुपरिटेंडेंट हिमानी प्रिया भी स्वीकार करती है कि कुख्यात बंदी अमन साहू से गिरिडीह केंद्रीय कारा की सुरक्षा को खतरा है. उन्होंने स्पष्ट बताया कि गिरिडीह केंद्रीय कारा सिर्फ नाम की है, केंद्रीय कारा स्तर के जेलों में जो सुविधाएं मिलनी चाहिए वो नदारत है. अमन साहू जैसे बंदी को अंडा सेल में रखने की जरूरत है. लेकिन गिरिडीह जेल में न हीं अंडा सेल है, न हीं टी सेल है, न हीं सेलुरल सेल है और न हीं हाईमास्ट सेल की व्यवस्था है. बता दें कि वर्ष 1997 में निर्मित इस मंडल कारा को वर्ष 2018 में केंद्रीय कारा के रूप में उत्क्रमित किया गया है. लेकिन इसकी सुरक्षात्मक संरचना केंद्रीय कारा के मापदंङ के अनुसार नहीं है. जहां पर अमन साहू को रखा गया है वह एक सामान्य सेल है यह सेल भी काफी जर्जर अवस्था में है. बताया जाता है कि जेल की अंदर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जेल सुपरिटेंडेंट ने जेल आईजी को भी अगवत कराया है और कहा है कि अमन साहू को यहां रखना उपयुक्त नहीं है.जेल आईजी ने डीसी के प्रस्ताव को कर दिया दरकिनार
मिली जानकारी के अनुसार जब अमन साहू को पलामू से गिरिडीह केंद्रीय कारा में शिफ्ट किया जा रहा था तो उसके पहले डीसी समेत एसपी और जेल सुपरिटेंडेंट ने जेल आईजी को पत्र लिखकर अगाह किया था कि जेल में पर्याप्त सुरक्षा की व्यवस्था नहीं है. पत्रांक 1149 गो, दिनांक 11 अप्रैल 2024 को झारखंड सरकार के कारा महानिरीक्षक को लिखे गये पत्र में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि गिरिडीह कारा वर्ष 1997 में बना है जो सिर्फ सामान्य बंदी को रखने योग्य है. कुख्यात अपराधी अमन साहू जैसे लोगों के लिए यहां उपयुक्त सेल तक नहीं है. ऐसी स्थिति में इस हार्डकोर बंदी की सुरक्षा और निगरानी संभव नहीं है. डीसी ने पत्र में स्पष्ट रूप से कहा है कि अमन साहू को गिरिडीह केंद्रीय कारा में शिफ्ट करने के बजाय किसी अन्य जिले में स्थानांतरित किया जाय. इन सभी तथ्यों को और डीसी के अनुशंसा को भी कारा महानिरीक्षक ने नजरअंदाज कर दिया.जेल के बाहरी हिस्से में पर्याप्त सुरक्षा : एसपी
गिरिडीह के एसपी दीपक कुमार शर्मा ने बताया कि जेल के अंदर की सुरक्षा की जिम्मेदारी कारा विभाग की होती है. जेल के बाहरी हिस्से में पर्याप्त सुरक्षा-व्यवस्था है. जेल के टावर पर हथियारबंद जैप के जवानों की तैनाती रहती है. एक कंपनी के जैप के जवान जेल की सुरक्षा में लगाये गये हैं. वहीं जिला आर्म्स पुलिस की भी तैनाती की गयी है. बताया कि अमन साहू और उसके गिरोह के सदस्य द्वारा जेल सुपरिटेंडेंट को धमकी दिये जाने के बाद एनआईए, एटीएस और विशेष शाखा समेत कई एजेंसियों को पत्र लिखा गया है. इसके अलावे जेल का नियमित रूप से निरीक्षण किया जाता है.घटना को अंजाम देने के लिए जेल में बंद अपराधियों को ऑफर
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक ओर जहां अमन साहू के गिरोह के सदस्य जेल के बाहर के अपराधियों से संपर्क कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर जेल के अंदर बंद अपराधियों से अमन साहू ने बातचीत करना शुरू कर दिया है. सूत्रों का कहना है कि उसने दो अपराधियों को मोटी रकम की लालच भी दी है लेकिन अभी तक वारदात को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई है. विभिन्न आपराधिक मामलों में जेल में दो अपराधी से संपर्क साधकर अमन ने प्रस्ताव दिया है कि बाहर के किसी अपराधी से वे लोग सहयोग लें और घटना को अंजाम दे जिससे दहशत फैलाया जा सके. बताया जाता है कि जेल के अंदर अपनी मनमानी करने के लिए अमन कोई भी घटना करने के फिराक में है ताकि दहशत फैलाकर अधिकारियों को डराया जा सके. सूत्रों की माने तो पूर्व में भी अमन इस तरह की साजिश रच चुका है. बताया जाता है कि पिछली बार उसे सजायफ्ता कैदी के माध्यम से जेलर पर इसने हमला करवाया था जो उसकी निगरानी में तैनात था.(राकेश
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