Giridih News :ध्वस्त हो रहा है गेस्ट हाउस, कोई देखने वाला नहीं

Giridih News :अंग्रेजों के द्वारा 1940 में तिसरी प्रखंड मुख्यालय में बनाया गया आलीशान गेस्ट हाउस आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. प्रशासनिक उदासीनता और रखरखाव के अभाव में भवन अंतिम सांस गिन रहा है और अब ध्वस्त होने की कगार पर है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 20, 2024 11:02 PM

अनदेखी. 1940 में अंग्रेजों ने बनवाया था, बाद में प्रखंड कार्यालय के लिए हुआ इस्तेमाल, अब है उपेक्षित

माइका व्यवसाय के लिए तिसरी आते थे अंग्रेज

अंग्रेजों के द्वारा 1940 में तिसरी प्रखंड मुख्यालय में बनाया गया आलीशान गेस्ट हाउस आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. प्रशासनिक उदासीनता और रखरखाव के अभाव में भवन अंतिम सांस गिन रहा है और अब ध्वस्त होने के कगार पर है. बताया जाता है कि ब्रिटिश काल में उक्त गेस्ट हाउस का निर्माण अंग्रेजों ने कराया था. उस समय यहां महीनों अंग्रेज रहते थे. उस समय तिसरी बेशकीमती माइका को लेकर दुनिया भर में प्रसिद्ध था. उसी समय अंग्रेज की सीएमआई (क्रिश्चियन माइका इंडस्ट्री) नामक कंपनी यहां कार्य करती थी. इस कंपनी के तहत यहां काफी संख्या में माइका खदान यहां संचालित थीं. इसके कारण तिसरी में अंग्रेजों का बराबर आना जाना लगा रहता था और वह इसी गेस्ट हाउस में रुकते थे. अंग्रेजों ने तिसरी में एक मिशन अस्पताल भी बनाया था, जिसे अब मिशन स्कूल में तब्दील कर दिया गया.

रामकुमार अग्रवाला ने गिद्धौर राजा से मिलकर खरीद ली कंपनी

वर्ष 1948 में रामकुमार अग्रवाला तिसरी आये और उन्होंने गिद्धौर राजा के साथ मिलकर अंग्रेजों से सीएमआई कपंनी को एक करोड़ में खरीद ली. इसके बाद उक्त गेस्ट हाउस को पांच नंबर बंगला के नाम से जाना जाने लगा. आरके अग्रवाला की बेंडरो माइका माइंस, करियातरी माइंस, सिंघों माइंस, रेहड़ी सहमदवा माइंस, बरतल्ला, तिसरो, पचरुखी, चरकापत्थर आदि माइका माइंस आदि संचालित थीं. यहां से करोड़ों का कारोबार देश विदेश में हो रहा था और उस समय तिसरी की अलग रौनक थी. उस समय देश विदेश से लोग तिसरी पहुंचते थे और इसी पांच नंबर बंगला में रहा करते थे. माइका कारोबार के साथ-साथ यहां की मनमोहक वातावरण का लुफ्त उठाते थे. बाद में यहां राजनीति बढ़ गयी. बाद में अग्रवाला कंपनी कारोबार छोड़कर चली गयी. समय का पहिया बदला और फिर माइका खदान बंद होते ही तिसरी की रौनक भी फीकी पड़ गयी. इसके बाद उक्त गेस्ट हाउस को प्रखंड सह अंचल कार्यालय में बदल दिया गया. वर्षों तक इसी भवन से काम होता रहा. इधर, चार वर्ष पूर्व तिसरी में नया प्रखंड सह अंचल कार्यालय का भव्य भवन बना और कार्यालय शिफ्ट कर दिया गया.

क्या कहते हैं लोग

समाजसेवी रामचंद्र ठाकुर का कहना है कि तिसरी प्रखंड मुख्यालय स्थित पांच नंबर बंगला ध्वस्त होते देख दुख होता है, जब यहां प्रखंड कार्यालय संचालित हुई है, तो प्रशासन को इसे बचाना चाहिए. यदि इसे विवाह भवन बना दिया जाये तो इससे अच्छा और कुछ नहीं हो सकता है. सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करे.

तिसरी पंचायत के मुखिया किशोरी साव ने कहा कि तिसरी का पुराना ब्लॉक कार्यालय, जो अग्रवाला कंपनी का पांच नंबर बंगला था और जिसे बहुत प्यार से अंग्रेजों ने बनायी था, यह सचमुच तिसरी का धरोहर है. इसे ध्वस्त होने से हर हाल में बचाना होगा.इसे फिर से सौंदर्यीकरण करने की प्रशासन से मांग की जायेगी.

किशोरी साव, मुखिया तिसरी पंचायत

संजीत राम का कहना है कि उक्त गेस्ट हाउस को विवाह भवन बनवाने की बात स्थानीय विधायक बाबूलाल मरांडी की जायेगी और किसी भी कीमत पर उक्त बंगला को ध्वस्त होने से बचाया जायेगा. जिला प्रशासन को भी चाहिए कि उक्त भवन को ढहने से बचाने की पहल करे, ताकि तिसरी का धरोहर बच सके.

समाजसेवी मुकेश प्रजापति ने कहा कि एक तो कई प्रखंड में सरकारी भवन निर्माण के लिए जमीन नहीं मिलती है. यहां भव्य आलीशान भवन पहले से ही बना हुआ है, जिसे प्रशासन ध्वस्त होने के लिए छोड़ दिया है. उक्त भवन को विवाह भवन बनाया जाये. इससे सरकार को राजस्व मिलेगा और भवन भी बच जायेगा.

(अमरदीप सिन्हा, तिसरी) B

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