पुल नहीं बनने से नाराज खिरोद के ग्रामीण करेंगे चुनाव का बहिष्कार
तिसरी प्रखंड के खिरोद नदी पर पुल नहीं बनाए जाने से ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का एलान किया है.
ग्रामीणों ने कहा-दीदी, चाची, भैया बोलकर वोट ले जानेवाले चुनाव के बाद दर्शन नहीं देते
तिसरी. तिसरी प्रखंड के खिरोद नदी पर पुल नहीं बनाए जाने से ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का एलान किया है. शनिवार को खिरोद गांव के ग्रामीण भारी संख्या में इकट्ठा हुए और पुल नहीं तो वोट नहीं, ग्रामीणों को ठगने वाला नेता होश में आओ, धोखेबाज नेता को वोट नहीं चोट दो जैसे नारे लगाते हुए खिरोद नदी तक आये.आजादी के बाद से उपेक्षित है गांव :
ग्रामीणों का कहना कि आजादी के 77 साल बाद भी खिरोद नदी पर ना तो पुल बना है और ना ही गांव तक सड़क ही बनी है. ऐसे में गांव की स्थिति टापू जैसी हो जाती है. ग्रामीण पगडंडी और उबड़-खाबड़ रास्ते व नदी पार कर किसी तरह आवाजाही करते हैं. बरसात में खिरोद गांव की चौड़ी नदी में बाढ़ आ जाती है. ऐसे में ग्रामीणों का आना-जाना मुश्किल हो जाता है. लोगों का कहना है कि वोट के समय तो सभी पार्टी के नेता या उनके कार्यकर्ता यहां आते हैं और पुल व सड़क बनवाने का आश्वासन देते हैं.सभी छलते रहे हैं गांव को :
यह भरोसा देते हुए दीदी, चाची व भैया बोलकर वोट ले लेते हैं. इसके बाद पांच सालों तक कोई भी नेता व कार्यकर्ता नजर नहीं आते हैं. अभी तक किसी भी नेता ने उक्त नदी में पुल बनवाने की जहमत नहीं की है. गांव की पुष्पा देवी ने कहा कि देश की आजादी को 77 साल हो गये, पर खिरोद की तस्वीर नहीं बदली है. गांव की समस्या यथावत है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है