ढाई माह लंबे समय के इंतजार के बाद मांगलिक कार्य का शुभ मुहूर्त आ गया जो 9 जुलाई से 15 जुलाई तक रहेगा. मंगलवार 9 जुलाई से गांव व शहरों में मांगलिक कार्यों का शुभारंभ हो जायेगा. इस दिन से पारंपरिक ढोल व शहनाई की आवाज गूंजने लगेगी. इसे लेकर बाजारों में भी रौनक लौट आई है. वैवाहिक कार्यक्रम संपन्न कराने के लिए लोग कपड़े, शृंगार, बर्तन, पूजन सामग्री आदि की दुकानों से बढ़-चढ़कर खरीदारी कर रहे हैं. वैवाहिक कार्यक्रमों में पहुंचने के लिये ट्रेनों-बसों सहित छोटी-बड़ी गाड़ियों में भीड़ बढ़ने लगी है. ज्योतिषाचार्यों की मानें तो 9 जुलाई से लेकर 15 जुलाई तक वैवाहिक कार्यक्रम के लिये शुभ मुहूर्त हैं. यह समय मांगलिक कार्यों के लिए उत्तम है. इसके बाद 17 जुलाई को हरि शयनी एकादशी है. इस दिन भगवान विष्णु चार माह के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं. भगवान के श्रद्धालु भक्त अपने घरों में तथा श्री विष्णु मंदिरों में पूजारी द्वारा विधिवत्त पूजा कर भगवान को शयन कराए जाने का वैदिक विधान है. वहीं चतुर्मास प्रारंभ हो जाता है. चतुर्मास के प्रारंभ होते ही चार महीना मुंडन, विवाह, यज्ञ, प्रतिष्ठा, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा. श्री महावीर पंचांग के अनुसार चतुर्मास की समाप्ति के पश्चात 17 नवंबर से वैवाहिक कार्यक्रम पुनः प्रारंभ होंगे. नवंबर में विवाह के लिए कुल सात मुहूर्त हैं. जबकि दिसंबर महीना में 2 दिसंबर से लेकर कल 10 विवाह मुहूर्त दिए गए हैं. इसके पश्चात 17 दिसंबर को सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने के साथ ही खरमास प्रारंभ हो जाएगा जिस दौरान सभी मांगलिक कार्यक्रम एक माह के लिए फिर से स्थगित हो जाएंगे.
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