जिले में शीघ्र खुलेंगे 714 लोक शिक्षा केंद्र

गिरिडीह : साक्षरता अभियान में काम कर चुके कर्मियों के लिए एक खुशखबरी है. एक अप्रैल, 2019 से पंचायतों में बंद पड़े लोक शिक्षा केंद्र को खोलने की कवायद शुरू कर दी गयी है. विभागीय बैठक व वीसी में दिये गये निर्देश के अनुसार डीएसइ ने लोक शिक्षा केंद्र को खोलने के लिए एक प्रस्ताव […]

By Prabhat Khabar News Desk | April 17, 2020 5:27 AM

गिरिडीह : साक्षरता अभियान में काम कर चुके कर्मियों के लिए एक खुशखबरी है. एक अप्रैल, 2019 से पंचायतों में बंद पड़े लोक शिक्षा केंद्र को खोलने की कवायद शुरू कर दी गयी है. विभागीय बैठक व वीसी में दिये गये निर्देश के अनुसार डीएसइ ने लोक शिक्षा केंद्र को खोलने के लिए एक प्रस्ताव स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के प्रधान सचिव के पास भेजा है. प्रधान सचिव से स्वीकृति मिलने के बाद पंचायत स्तर पर लोक शिक्षा केंद्र खोल दिये जायेंगे. ज्ञातव्य रहे कि जिले की 357 पंचायतों में लोक शिक्षा केंद्र वर्ष 2016 में ही खोले गये थे. केंद्र की कार्यावधि तीन वर्षों की थी. तीन वर्ष पूरा होने के बाद ऐसे केंद्र स्वत: बंद हो गये और केंद्र का संचालन कर रहे साक्षरता प्रेरक बेरोजगार हो गये. मार्च में विभाग ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग में सभी डीइओ व डीएसइ को यह निर्देश दिया था कि पंचायतों में बंद पड़े लोक शिक्षा केंद्रों को खोलने के लिए पुन: विभाग के पास प्रस्ताव भेजें.

जिले की प्रत्येक पंचायत में दो-दो साक्षरता प्रेरक पूर्व में केंद्र संचालन के लिए चयनित किये गये थे. ऐसे प्रेरकों को एक निश्चित मानदेय प्रतिमाह भुगतान किया जाता था और विभाग ने अपने बजट में इस राशि की मंजूरी केंद्र सरकार से ले ली थी. केंद्र व राज्य सरकार के निर्देश पर विभाग ने पिछले माह विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक भी की थी. इसके बाद वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग हुई और प्रधान सचिव ने केंद्र खोलने से संबंधित प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया था. विभागीय निर्देश के अनुसार डीएसइ अरविंद कुमार ने जिले की 357 पंचायतों में दो-दो लोक शिक्षा केंद्र खोलने से संबंधित प्रस्ताव भेज दिया है. डीएसइ ने कहा कि सरकार द्वारा दिये गये निर्देश के आलोक में इन साक्षरता प्रेरकों को मानदेय दिये जायेंगे. उन्होंने सभी प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक को निर्देश दिया है कि जिन पंचायतों में लोक शिक्षा केंद्र चल रहे थे, वहां ग्राम सभा आयोजित कर इससे संबंधित प्रस्ताव पारित कर लें. ताकि सरकार से मंजूरी मिलने के बाद पुन: केंद्र का संचालन शुरू किया जा सके.

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