बगोदर.
गिरिडीह डीसी के निर्देश पर इंडिया बाल श्रमिक रेस्क्यू एवं पुनर्वास कार्यक्रम के तहत बुधवार को धावा दल ने बगोदर के विभिन्न प्रतिष्ठानों, होटलों, ढाबों आदि का निरीक्षण किया. इस क्रम में बगोदर से तीन बच्चे को रेस्क्यू किया गया, जहां इन होटलों में बच्चे ग्लास, कप, प्लेट धोने, साफ-सफाई के काम कर रहे थे. रेस्क्यू किये गये तीनों बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया है. बता दें कि जिला प्रशासन, जिला बाल संरक्षण इकाई, श्रम विभाग, बाल कल्याण समिति, कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन के सहयोगी संगठन बनवासी विकास आश्रम, बचपन बचाव आंदोलन तथा एनसीपीसीआर की ओर से बाल श्रम उन्मूलन एवं पुनर्वास के लिए अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को होटलों, ठेला और फास्ट फूड दुकानों में काम कर रहे इन बच्चों को रेस्क्यू कर हटाया जाता है. वहीं संचालक को हिदायत दी जाती है कम उम्र के बच्चों से इस तरह के कार्य नहीं लें, अन्यथा दंड का प्रावधान है. इसे लेकर बचपन बचाओ अभियान के तहत बच्चों के बचपन बचाने को लेकर मुहिम चलायी जा रही है. पूरे गिरिडीह जिला में यह अभियान के तहत कई बच्चों को होटलों से रेस्क्यू कर उनके बेहतर भविष्य के लिए कार्य कर रही हैं. संस्था के सुरेश शक्ति ने कहा कि आपके आसपास होटलों में काम कर रहे बच्चों की सूचना देने की बात कही है, ताकि उन होटल संचालक पर कार्रवाई कर बच्चों के बचपन को बचाया जा सके. अभियान में श्रम प्रवर्तन अधिकारी बसंत महतो, जिला बाल संरक्षण इकाई के हिरामन महतो, नीति आयोग बचपन बचाओ आंदोलन के अंजलि बिन, वनवासी विकास आश्रम व कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन के सुरेश कुमार शक्ति, उत्तम कुमार, मुकेश कुमार, रूपा कुमारी समेत अन्य शामिल थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है