कैमरून में फंसे डुमरी के तीन मजदूर, परिजन चिंतित

झारखंड के 27 मजदूर सेंट्रल अफ्रीका के कैमरून में फंस हुए हैं. इनमें तीन मजदूर डुमरी प्रखंड हैं. माधगोपाली पंचायत का दौलत महतो तथा अतकी पंचायत का विजय महतो व रमेश महतो शामिल हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | July 17, 2024 11:25 PM

झारखंड के 27 मजदूर दक्षिण अफ्रीका के कैमरून में फंस हुए हैं. इनमें तीन मजदूर डुमरी प्रखंड की दो अलग-अलग पंचायत माधगोपाली व अतकी के हैं. माधगोपाली पंचायत का दौलत महतो तथा अतकी पंचायत का विजय महतो व रमेश महतो शामिल हैं. फंसे हुए मजदूरों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गयी है. मजदूरों को चार माह से वेतन तक नहीं मिला है. दौलत महतो के घर पहुंचने पर उसकी मां रूपणी देवी ने कहा कि उसका बेटा विदेश कमाने गया हुआ है. उसे दौलत के विदेश में फंसे होने की जानकारी तक हीं है. वहीं, दौलत की पत्नी रीना ने बताया कि उसके पति चार माह पूर्व कमाने की बात कह कर नावाडीह के कड़रुखुट्टा के एक व्यक्ति के साथ कैमरून 25 मार्च को गये थे, लेकिन दौलत को चार माह से वेतन नहीं मिला है. घर में फोन कर बताया की वे लोग यहां फंस गए हैं. उन्हें ठेकेदार एक टाइम खाना दे रहा है. रीना ने बताया की घर में पति के द्वारा पैसा नहीं भेजे जाने से वे लोग आर्थिक तंगी से जूझ रही हैं. गांव में चलने वाली महिला समूह से छह हजार रुपए लिये हैं, जिससे परिवार का भरण-पोषण हो रहा है.

दौलत की पत्नी ने बच्चे को स्कूल से वापस लाया

रीना ने बताया कि पैसे कमी के कारण उसने अपने पुत्र को डीएवी पब्लिक स्कूल बनासो से घर ले आयी. कहा कि तीन माह से वह स्कूल का फीस नहीं दे पा रही है. उसने बताया उसके घर में सास,ससुर और वह अपने दो पुत्रों के साथ रहती है. उसके पति परिवार का मात्र एक कमाऊ सदस्य हैं. अब वह अपने पति की सकुशल वापसी का इंतजार कर रही है. यह कहते हुए रीना की आंख नम हो गयी.

ठेकेदार के झांसा में आया विजय

अतकी के रहने वाले विजय की भाभी फूल कुमारी देवी ने बताया कि जनवरी में ससुर सुशील महतो का निधन हो गया. इसके दो माह बाद होली के समय एक रिश्तेदार कड़रुखुट्टा के निवासी ने विजय से संपर्क किया. कहा कि कैमरुन में काम है. वहां टावर लाइन में काम करना है. तनख्वाह 35 हजार होगी. ओवर टाइम करने पर 45 हजार मिलेगी. विजय उसकी बातों में आ गया और विदेश चला गया. अब चार माह से उसे वेतन नहीं मिल रहा है. फूलकुमारी बताती है कि उसके देवर को यह बोलकर ले जाया गया कि कंपनी में काम है, लेकिन कैमरून में सभी मजदूर को ठेकेदार के हवाले कर दिया गया. ठेकेदार ना तो पैसा देता है और ना ही ठीक से भोजन. बताया कि मंगलवार की रात को देवर से बात हुई तो उन्होंने बताया कि वे लोग फंस गए हैं. फूलकुमारी ने बतााय कि वेतन नहीं मिलने पर 25 जून से झारखंड से गये मजदूरों ने काम करना बंद कर दिया. इसके बाद शोषण बढ़ गया. 15 जुलाई से तो स्थिति और भी खराब हो है. उसने सभी मजदूरों को वापस लाने की मांग की.

रमेश की है चार माह की बच्ची

रमेश महतो के घर जाने पर उसकी मां ने बताया कि घर बनाने को लेकर कर्ज हो गया था. इसे चुकाने के लिए मेरा बेटा चार मई को विदेश काम करने गया था. कुछ लोगों ने बताया कि उसका बेटा वहां फंस गया है. उसे ठीक से खाने को भी नहीं मिल रहा है. उसकी शादी हो चुकी है. उसे चार माह की एक बच्ची भी है.रमेश को लेकर सभी चिंतित हैं.

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