केंद्र सरकार के सामने आदिवासी कभी नहीं झूकेंगे : कल्पना

दिवासियों का इतिहास गौरवपूर्ण रहा है. अंग्रेजों के खिलाफ भी सबसे पहले आदिवासियों ने ही हथियार उठाया था. जंगल से निकलकर आदिवासियों ने आजादी की लड़ाई लड़ी थी.

By Prabhat Khabar News Desk | May 4, 2024 11:08 PM

गिरिडीह. आदिवासियों का इतिहास गौरवपूर्ण रहा है. अंग्रेजों के खिलाफ भी सबसे पहले आदिवासियों ने ही हथियार उठाया था. जंगल से निकलकर आदिवासियों ने आजादी की लड़ाई लड़ी थी. यदि केंद्र सरकार सोचती है कि उनके सामने हमारी सरकार नतमस्तक हो जायेगी तो यह गलत है. तानाशाह केंद्र सरकार के सामने आदिवासी कभी झूकेंगे नहीं. आदिवासी बीज को जमीन के अंदर जितना डालने की कोशिश होगी वह उतना ही तेजी से उभरकर सामने आयेगा. यह कथन है झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी सह गांडेय उपचुनाव में इंडिया गठबंधन की प्रत्याशी कल्पना मुर्मू सोरेन का. श्रीमती सोरेन गिरिडीह में पत्रकारों से बातचीत कर रही थी. इस क्रम में उन्होंने कहा कि हमारे लिए गौरव की बात है कि हम आदिवासी हैं. देश के आदिवासियों को एकजुट होकर ऐसी तानाशाह सरकार के खिलाफ लड़ना होगा.

गैर भाजपा सरकारों को केंद्र की सरकार पचा नहीं पा रही

कहा कि जिन प्रदेशों में गैर भाजपा की सरकार है, उसे केंद्र की सरकार पचा नहीं पा रही है. आखिर ऐसी कौन सी बात है कि सिर्फ गैर भाजपा सरकार वाली प्रदेशों में ही इन्हें भ्रष्टाचार दिख रहा है. केंद्र की सरकार झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार करते हुए कई जनकल्याणकारी योजनाओं में भी कटौती की है. राज्य में गरीबों के राशन कार्ड में कटौती की गयी. इसी तरह आवास योजना में भी कटौती हुई. पीएम आवास योजना को बंद कर दिया गया. तरह-तरह से राज्य सरकार को परेशान करने की हरसंभव कोशिश की गयी. हेमंत जी की सरकार को जनादेश मिला था. वह राज्य में तेजी से विकास का काम कर रहे थे. राज्य में उन्होंने योजनाओं की गंगा बहा दी. उनकी लोकप्रियता से परेशान होकर केंद्र ने हेमंत जी को जेल में डालने की साजिश रची.

सेनापति जेल में हैं, विकल्प के रूप में खड़ी हूं

उन्होंने कहा कि जब सेनापति को जेल में भेज दिया गया, तो मैं आज एक विकल्प के रूप में खड़ी हुई हूं. परिवार में सभी को संकट के समय में खड़ा होना चाहिए. कहा कि 17-18 साल राजनीतिक वातावरण में रही हूं. बाबा के साथ-साथ हेमंत जी भी कहते रहे हैं कि आत्म सम्मान और स्वाभिमान के साथ खड़े रहना है. उनके ज्ञान व शिक्षा में ज्यादातर यही बातें रही है. मेरे लिए सबकुछ नया है. सीख रही हूं. आकांक्षाएं पूरा करने का प्रयास करुंगी.

क्षेत्र का प्रतिनिधि हूं, उनकी बातों को सुनना हमारा धर्म

गिरिडीह/बेंगाबाद. गिरिडीह में आयोजित मांझी हड़ाम व मांझी बूढ़ी की बैठक में श्रीमती सोरेन ने कहा कि गांडेय में लोगों के साथ जुड़ने के लिए ही आयी हूं. क्षेत्र का प्रतिनिधि हूं, ऐसे में उनकी बातों को सुनना हमारा धर्म है. कहा कि गांडेय विधानसभा क्षेत्र में जनसंपर्क के दौरान वहां के लोगों ने कई समस्याएं रखी. सड़क, पानी, सिंचाई जैसी समस्याओं से लोग जूझ रहे हैं. इसे प्राथमिकता के तौर पर लिया जायेगा. इसके बाद शिक्षा और बिजली समस्या दूर करने का प्रयास होगा. महिलाओं को शिक्षित करना जरूरी है. महिला कॉलेज खुलने से छात्राओं को लाभ मिलेगा. उत्सव उपवन में गिरिडीह की 15 पंचायत के लगभग 68 गांव के मांझी हड़ाम व मांझी बूढ़ी के साथ उन्होंने संवाद किया.

बेंगाबाद. कल्पना मुर्मू सोरेन ने शनिवार को बेंगाबाद के महुआर, झलकडीहा, गेनरो सहित समेत अन्य पंचायतों में जनसंपर्क अभियान चलाया. ग्रामीणों से मिलकर उनसे समर्थन मांगी. मौके पर राज्यसभा सदस्य डॉ सरफराज अहमद, झामुमो प्रखंड अध्यक्ष नुनूराम किस्कू, विजय सिंह, रामलाल मंडल, शंभु ठाकुर, सुनील यादव, पंकज मडंल, जाकिर हुसैन, महेंद्र पंडित, सोनाराम सोरेन, पांचू तुरी, बंशी मुर्मू आदि मौजूद थे.

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