राजधनवार : धनवार प्रखंड सहित गिरिडीह जिला के लगभग ढाई सौ प्रवासी मजदूर पिछले 17 दिनों से बरही रसोइयाधाम में क्वारंटाइन में है. क्वारंटाइन अवधि बीत जाने के बावजूद घर नहीं भेजे जाने से नाराज मजदूरों ने 14 अप्रैल से भूख हड़ताल शुरू कर दी है. उक्त जानकारी क्वारंटाइन में फंसे धनवार के पचरुखी के राजेश दास ने फोन पर प्रभात खबर को दी. हजारीबाग वालों को भेज दिया गया : मजदूर राजेश दास ने बताया कि मजदूरों में अधिकांश मेरठ से पैदल व बीच-बीच में ट्रक पर चढ़कर घर आ रहे थे.
30 मार्च को उन्हें बरही में रोक दिया गया तथा 14 दिन के क्वारंटाइन में रसोइयाधाम भेज दिया गया. कहा कि 12 अप्रैल को क्वारंटाइन अवधि पूरी होने पर उनके साथ रह रहे हजारीबाग जिला के मजदूरों को मुक्त कर उनके घरों तक पहुंचा दिया गया, पर गिरिडीह के मजदूरों को नहीं छोड़ा जा रहा है. बताया कि अब क्वारंटाइन में भी खाने-पीने की परेशानी उत्पन्न हो गयी है. अब वे 48 घंटे से भूख हड़ताल पर हैं.
गिरिडीह प्रशासन से उम्मीद : राजेश ने बताया कि उनके साथ पचरुखी पंचायत के विनोद दास, सिकेंद्र दास, पवन राम, प्रकाश ठाकुर, चुंजखो के शाहनवाज, सुभान अंसारी सहित गोदोडीह व कोरियाडीह के लगभग 25 लोग तथा जमुआ व बिरनी प्रखंड के विभिन्न गांव के लगभग ढाई सौ मजदूर 17 दिनों से बरही में क्वारंटाइन पर हैं. बताया कि मजदूरों को उम्मीद है कि गिरिडीह जिला प्रशासन शीघ्र सकारात्मक पहल करेगा. आदेश मिलते ही मजदूरों को पहुंचा दिया जायेगा : एसडीओबरही एसडीओ राजेश्वरनाथ आलोक ने फोन बताया कि जनप्रतिनिधिगण तथा गिरिडीह जिला प्रशासन भी मजदूरों की जल्द घर वापसी में लगे हैं.
किसी को दूसरे जिले में भेजने पर सरकारी रोक है. सरकार से इस बाबत अनुरोध किया गया है. सरकारी निर्देश के आलोक में मजदूरों को घर पहुंचाया जायेगा. सत्याग्रह की बाबत एसडीओ ने कहा कि मजदूरों की भूख हड़ताल की सूचना मिली थी. समझा-बुझाकर उन्हें शांत कराया गया और उन्हें भोजन भी करा दिया गया है. एसडीओ ने कहा कि बगोदर विधायक विनोद सिंह व धनवार विधायक बाबूलाल मरांडी के पीए राजेंद्र तिवारी ने भी मजदूरों को घर भेजने की बात कही थी.