भेड़िये के आतंक से डरे हुए हैं आदिम जनजाति बिरहोर
गिरिडीह.
जंगल के तराई में बसे विलुप्तप्राय आदिम जनजाति बिरहोर समुदाय भेड़ियों के आतंक से भयभीत हैं. शुक्रवार को भेड़िया ने एक बच्चा समेत दो लोगों पर हमला कर घायल कर दिया. शुक्रवार की सुबह सात बजे बुढ़ाचांच बिरहोरटंडा अटका का रंजीत बिरहोर (12) पिता संतोष बिरहोर पर भेड़िये ने हमला कर जख्मी कर दिया. रंजीत गांव के नजदीक नदी के तरफ गया था तभी भेड़िये ने हमला कर दिया और गर्दन के पीछे काट दिया. बताया गया है कि इस हमले के ठीक पहले भेड़िये ने एक बुजुर्ग के मुंह पर हमला कर किया था. बिरहोर समुदाय के सर्वांगीण विकास के लिए काम कर रही स्थानीय गैर सरकारी संस्था बनवासी विकास आश्रम के कार्यक्रम समन्वयक उत्तम कुमार को एक बच्चे पर हमले की सूचना मिली. इसके बाद वह अपनी टीम के साथ बिरहोरटंड़ा में सामुदायिक कार्यकर्ता के रूप में कार्यरत रवि पासवान को फोन कर घायल बच्चे को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बगोदर लाने का निर्देश दिया. बच्चे को प्राथमिक उपचार के बाद धनबाद रेफर कर दिया गया. रवि ने तत्काल 108 एंबुलेंस को बुलाकर बच्चे को एसएनएमएमसीएच धनबाद में भर्ती कराया. रंजीत की स्थिति अभी ठीक है.वन विभाग गंभीरता से संज्ञान ले
: सुरेश शक्ति
बनवासी विकास आश्रम के सचिव सुरेश कुमार शक्ति ने कहा कि बिरहोर समुदाय का आजीविका जंगल से जुडा है. बिरहोर समुदाय के लोग आम तौर पर आजीविका के लिए घर से बाहर निकलते हैं. उनके साथ बच्चे और महिलाएं होती हैं. इस घटना से बिरहोर समुदाय समुदाय के लोग काफी भयभीत हैं. बाहर निकलने से डर रहे हैं. क्योंकि, भेड़िया दो लोगों को जख्मी कर चुका है. श्री शक्ति ने वन विभाग इस घटना को गंभीरता से लेने व बिरहोर समुदाय के जान माल की रक्षा के लिए कोई ठोस कदम उठाने की मांग की है..डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है