Giridih News:सीओ ने एक अक्तूबर तक अतिक्रमण हटाने का दिया अल्टीमेटम
Giridih News:रिया स्थित रेलवे गुमटी 20 बी-3-टी के पास हो रहे रेल ओवरब्रिज निर्माण की प्रक्रिया पिछले माह से चल रही है. लेकिन, निर्बाध निर्माण कार्य में अभी कई अड़चन हैं. निर्माण के लिए चिह्नित स्थल पर अभी भी कई मकान व दुकानें हैं, जिसे हटाने के लिए सीओ ने नोटिस जारी किया है.
आरओ बी निर्माण को लेकर प्रशासनिक कवायद तेज
कई लोग अभी भी मुआवजा से हैं वंचित
सरिया.
सरिया स्थित रेलवे गुमटी 20 बी-3-टी के पास हो रहे रेल ओवरब्रिज निर्माण की प्रक्रिया पिछले माह से चल रही है. लेकिन, निर्बाध निर्माण कार्य में अभी कई अड़चन हैं. निर्माण के लिए चिह्नित स्थल पर अभी भी कई मकान व दुकानें हैं, जिसे हटाने के लिए सीओ ने नोटिस जारी किया है. इसमें एक अक्तूबर तक अतिक्रमण हटाने की हिदायत दी है. कहा है कि निर्देश का पालन नहीं करने वालों पर विभागीय स्तर पर कार्रवाई की जायेगी. मालूम रहे कि आरओबी निर्माण में कई लोगों की भूमि या मकान आ रहा है. इसके एवज में ऐसे लोगों को विभाग से अभी तक मुआवजा नहीं मिला है. बिना मुआवजा दिये अंचल कार्यालय द्वारा 72 घंटे में जगह खाली करने हटाने का अल्टीमेट देने से आक्रोश है. प्रभावित लोगों की मानें तो सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगाते तथा जमीन का कागजात जमा करते-करते थक चुके हैं. कहा यदि प्रशासन व रेलवे ओवरब्रिज निर्माण को लेकर गंभीर है, तो सरिया में ही कैंप लगाकर उनकी समस्या का समाधान करे. मुआवजा राशि मिलने पर सभी लोग स्वत: अपना मकान को हटा लेंगे. प्रशासन बेवजह मुआवजा भुगतान के बिना बिल्डिंग तोड़ने का दबाव न बनाये.क्या कहते हैं लोग
सरिया रेलवे फाटक निवासी मोहन कुमार साहू का कहना है कि रेलवे ने मुआवजा भुगतान के लिए अवार्ड की राशि तय कर दी है. लेकिन, लगभग डेढ़ वर्ष से उसे राशि मिली. मामला जिला भू-अर्जन कार्यालय से लंबित है. वहीं रैयत अर्जुन महतो ने कहा कि बकासत जमीन को अंचल के कर्मी गैरमजरुआ बताकर रेलवे के द्वारा मिलने वाली राशि को जिला भू-अर्जन कार्यालय अपने खाते में जमा करवा दी है. हाइकोर्ट ने स्टे ऑर्डर भी दिया है. फिर भी अंचल कार्यालय बार-बार नोटिस के माध्यम से मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का काम किया जा रहा है जो झारखंड हाइकोर्ट के आदेश की अवहेलना कर रहा है. अब बाध्य होकर सभी संबंधित अधिकारियों के खिलाफ हाइकोर्ट के आदेश की अवमानना को लेकर शिकायत करने के लिए बाध्य होंगे. रैयत गौरी शंकर वर्णवाल बताते हैं कि उनका और उनके चाचा का मकान रेलवे ओवर ब्रिज में प्रभावित हो रहा है. इ मकान में किराएदार रहने के बावजूद भी अंचल के कर्मी इसे अज्ञात बताकर मुआवजा का भुगतान नहीं किया. अंचल व जिला कार्यालय के बार-बार चक्कर लगाकर परेशान हैं. कोई अधिकारी सुनने वाला नहीं है. सिर्फ जबरन मकान को तोड़ने की धमकी प्रशासनिक अधिकारी दे रहे हैं. यह न्याय संगत नहीं है. रैयत हेमलाल मंडल बताते हैं कि सरिया-राजधनवार रोड में एक ही जगह दो भाइयों की जमीन पर मकान बना हुआ है. एक भाई को मुआवजा भुगतान कर दिया गया. लेकिन, उसे आज तक भुगतान नहीं किया गया. अंचल व जिला का चक्कर काटने के बाद भी सुनवाई नहीं होती है. निरीक्षण करने पहुंचने वाले अधिकारी जबरन मकान को तोड़ने की बात कही जाती है.एक वर्ष पूर्व की तिथि रहने का वीडियो हुआ वायरल, विभाग ने किया सुधार
अंचल कार्यालय ने अतिक्रमण हटाने को लेकर सार्वजनिक स्थलों पर शनिवार को चिपकाया है. इसमें एक अक्तूबर 2023 की सुबह नौ बजे तक स्वत: अतिक्रमण हटा लेने का निर्देश जारी किया है. इसके बाद बलपूर्वक अतिक्रमण हटाने की बात कही गई है. यह नोटिस चर्चा का विषय बना हुआ है. अंचल कार्यालय ने स्वामी विवेकानंद चौक पर स्थित विवेकानंद जी की प्रतिमा के नाम से ही नोटिस जारी किया था. नाटिस की तिथि चर्चा में हैं. मामला मीडिया में वायरल होने के बाद सरिया अंचल कार्यालय को अपनी गलती का एहसास हुआ और नोटिस को बदलकर एक अक्तूबर 2024 का किया गया.क्या कहते हैं सीओ
सरिया के सीओ संतोष कुमार गुप्ता ने बताया कि जिन लोगों का विभागीय स्तर से मुआवजा का भुगतान नहीं हुआ है या जिनका मामला न्यायालय में चल रहा है, वह आवेदन देकर अपनी बातों को रख सकते हैं. वैसे लोगों का भवन फिलहाल नहीं तोड़ा जायेगा. जिन लोगों को मुआवजा मिला है, वह भी अपना मकान नहीं हटा रहे हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है