शिक्षक नियुक्ति में कट ऑफ को लेकर अभ्यर्थियों ने जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय के समक्ष घंटों हंगामा किया. अभ्यर्थियों का कहना है कि विभाग द्वारा कट ऑफ में मनमानी की जा रही है. अभ्यर्थियों का नेतृत्व कर रहे जेबीकेएसएस के रॉकी नवल ने बताया कि वर्ष 2015 की सहायक शिक्षक नियुक्ति में कई विसंगतियों के कारण कई अभ्यर्थी शिक्षक नियुक्ति से वंचित रह गये थे. बाद में उन्हें हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा और हाईकोर्ट से आवेदकों को न्याय भी मिला. विभाग को हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि वे आवेदकों का फिर से काउंसलिंग कराकर उनकी नियुक्ति करें. श्री नवल ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के अनुरूप फिर शिक्षकों की बहाली नहीं हो रही है. नियुक्ति के लिए कट ऑफ का गलत निर्धारण किया गया है. आवेदकों को बताया जा रहा है कि वर्ष 2015 की नियुक्ति में जो अंतिम कट ऑफ निर्धारित किया गया था, उससे उपर अंक लाने वाले आवेदकों का ही चयन किया जा रहा है. अगर यही स्थिति रही तो शिक्षकों का पद फिर रिक्त रह जायेगा. इस दौरान रॉकी नवल के साथ प्रज्ञानंद दूबे, लक्ष्मी महतो, अल्का राय, संध्या कुमारी आदि भी थे.
लास्ट कट ऑफ से उपर का होगा चयन : डीएसई
डीएसई मुकुल राज ने कहा कि विभागीय संकल्प और हाईकोर्ट के निर्देश के आलोक में शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी की गयी है. उन्होंने बताया कि 4500 अभ्यर्थियों का औपबंधिक सूची जारी किया गया. कई लोगों का आपत्ति भी प्राप्त हुआ. लगभग 3600 अभ्यर्थियों का आवेदन प्राप्त हुआ. इसके बाद विभागीय संकल्प और हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में शॉर्ट लिस्टिंग की गयी जिसमें 24 अभ्यर्थियों का फाइनल सूची जारी किया गया. इसमें मात्र 9 अभ्यर्थी ही काउंसलिंग में पहुंचे. जबकि गिरिडीह जिले में 113 सीटें हैं. डीएसई ने बताया कि अभ्यर्थियों का कहना था कि कोर्ट से अच्छादित लोगों को काउंसिलंग में बुलाया जाये. जबकि विभागीय निर्देश है कि पिछले नियुक्ति प्रक्रिया में लास्ट कट ऑफ से उपर अंक लाने वाले का ही चयन किया जाना है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है