Giridih News: हत्या के आरोपियों की निशानदेही पर बरामद हुआ लापता विजय का शव

Giridih News: तिसरी थाना क्षेत्र के ग्राम सिंघों से अपहृत विजय यादव का शव गुरुवार को बिहार के झाझा प्रखंड अंतर्गत सिमुरतल्ला के जंगल में मिला. गांव के ही कुछ लोगों पर हत्या का आरोप है. पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ के आधार पर कांड का उद्भेदन किया है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 30, 2025 11:57 PM

सूत्रों के अनुसार पुलिस लगभग सारे हत्यारों को भी अपनी गिरफ्त में लेकर जांच पड़ताल कर रही है. बता दें कि पिछले सोमवार की देर रात सिंघों निवासी बलदेव यादव के 42 वर्षीय पुत्र विजय यादव का अपहरण हो गया था. इसे लेकर मंगलवार को विजय की पत्नी गीता देवी ने तिसरी थाना में आवेदन देकर पति का अपहरण होने का मामला दर्ज करवाया था. उन्होंने मुख्य रूप से गांव के ही सूरज यादव के पुत्र बाबूचंद यादव और पवन यादव पर विजय का अपहरण करने का आरोप लगाया था. पुलिस ने भी आवेदन के आलोक में लगभग सारे आरोपियों को अपनी गिरफ्त में ले लिया था और जांच पड़ताल शुरू कर दी थी. एक दिन तक पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला. ग्रामीणों ने आक्रोशित होकर बुधवार को गांवा गिरिडीह मुख्य मार्ग को जाम कर दिया था. डीएसपी राजेंद्र प्रसाद के आश्वासन पर तीन घंटे बाद जाम को हटा था.

इधर पुलिस ने भी जब गिरफ्त में आए आरोपियों से सख्ती से पूछताछ की तो आरोपियों ने सारा कारनामा कबूल कर लिया. बताया कि विजय का अपहरण करने के बाद उसकी हत्या कर दी गई. इसके बाद शव को वाहन से झाझा के सिमुलतल्ला स्थित जंगल में जाकर फेंक दिया. इसके बाद पुलिस आरोपियों की निशानदेही पर शव को बरामद कर तिसरी थाना ले आयी.

घटना से सदमे में गांव

इधर हत्या की खबर सुनते ही गांव में सन्नाटा छा गया. परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है. गांववाले भी इस तरह की निर्मम हत्या से सदमे में हैं. ग्रामीण हत्या के सभी आरोपियों को फांसी तथा पीड़ित परिवार को दस लाख रुपए का मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं.

मृतक विजय के भाई बबलू यादव और उसके चाचा बीरेंद्र यादव ने बताया कि गांव के ही प्रकाश ठाकुर के पुत्र अरूण शर्मा के घर पर ही सभी ने मिलकर विजय की हत्या की है और फिर बोलेरो में लादकर बिहार के सिमुलतल्ला के पास शव को फेंक दिया. बताया कि एक माह पहले ही बाबूचंद यादव और पवन यादव ने अपने ही छोटे भाई को बोलेरो से कुचल अधमरा छोड़ दिया था. उस समय विजय ने इसका विरोध किया था. उसी समय उन लोगों ने विजय यादव और उसके चाचा बीरेंद्र यादव को धमकी दी थी कि कभी भी तुम लोगों को उठा लेंगे और छोड़ेंगे नहीं.

बीरेंद्र यादव ने बताया कि इस घटना को लेकर उनलोगों ने तिसरी थाना में एक माह पूर्व ही लिखित शिकायत दर्ज कराई थी. लेकिन, पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. दूसरी तरफ, इस मामले में जितने भी आरोपी हैं उनके परिजन अपने अपने घरों में ताला लगाकर गांव छोड़कर चले गए हैं.

90 फीसदी हो चुका है खुलासा

खाेरीमहुआ अनुमंडल के डीएसपी राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि इस मामले काे 90 प्रतिशत तक सुलझा लिया गया है. बाकी बातों का खुलासा शुक्रवार को एसपी करेंगे.

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