Giridih News :51 हजार का जुर्माना भरने पर ग्रामीणों ने व्यापारी को छोड़ा

Giridih News :किसानों से धान खरीदने आये एक व्यापारी वजन में हेराफेरी करते रंगेहाथ पकडे़ जाने पर ग्रामीणों का कोपभाजन बनना पड़ा. जुर्माना भरने पर किसानों ने उसे कब्जा मुक्त किया.

By Prabhat Khabar News Desk | December 29, 2024 10:26 PM

किसानों से धान खरीदने नवडीहा से आया व्यापारी वजन में हेराफेरी करने में फंसा

किसानों से धान खरीदने आये एक व्यापारी वजन में हेराफेरी करते रंगेहाथ पकडे़ जाने पर ग्रामीणों का कोपभाजन बनना पड़ा. भड़के ग्रामीणों ने धान व्यापारी को घंटों बंधक बनाये रखा. व्यापारी के द्वारा जुर्माना भरने पर किसानों ने उसे कब्जा से मुक्त किया. कब्जा मुक्त होने के बाद व्यापारी धान लोड वाहन को लेकर वहां चला गया. मामला बेंगाबाद प्रखंड की तेलोनारी पंचायत के परसन गांव का है. बताया जाता है कि रविवार को नवडीहा का धान व्यापारी प्रभु साव किसानों से धान खरीदने के लिए परसन गांव आया था. यहां पर किसानों से धान खरीदने के बाद वह मशीन से वजन कर रहा था. वह प्रत्येक बार दो बोरा धान कांटा करता था, जिसमें तीस किलो तक कम वजन दिकाता था. पूर्व से धान वजन कर रखे किसानों को कम वजन होने पर हेराफेरी की शंका हुई. इसके बाद उसके मशीन की जांच शुरू की गयी.

व्यापारी का सहयोगी भागा

किसानों के अनुसार जांच में पता चला कि व्यापारी ने मशीन में सेटिंग कर वजन कम कर रहा है. इस पर किसान भड़क गये और व्यापारी को बंधक बना लिया, जबकि उसका सहयोगी एक गाड़ी लेकर भागने में सफल रहा. किसानों के मूड देखते हुए व्यापारी गिड़गिड़ाते हुए अपनी गलती कबूल की. इसके बाद गांव के अन्य किसान, जिन्होंने उक्त व्यापारी के पास धान बेचा था, वहां आ धमके और उसे खरीखोटी सुनाने लगे. इसके बाद ग्रामीणों व व्यापारी के बीच बैठक हुई. बैठक में व्यापारी ने किसानों के बीच 51 हजार रुपये का जुर्माना भरा तब जाकर उसे कब्जा मुक्त किया गया. कब्जा मुक्त होने के बाद व्यापारी धान की गाड़ी के साथ गांव से निकल गया. घटना की जानकारी बेंगाबाद पुलिस को नहीं दिया गया है. जानकारी मिलने के बाद आसपास गांवों के अन्य किसानों ने भी उक्त व्यापारी को खोजने लगे, लेकिन उसका मोबाइल बंद होने के कारण संपर्क नहीं हो पाया. किसानों का कहना है कि कुछ दिन पूर्व उक्त व्यापारी ने धान खरीदी की है, जिसमें भी किसानों के धान को कम वजन किया है. फिलहाल व्यापारी का पता नहीं चल पाने से किसान पछता रहे हैं.

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