अपने ही घर में लोगों से मिलते रहे विनोद सिंह

वैसे तो कोडरमा लोकसभा चुनाव के खत्म होने के बाद भाकपा माले के विधायक और कोडरमा लोकसभा क्षेत्र के इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी विनोद कुमार सिंह संसदीय क्षेत्र के अलग-अलग इलाके में ग्रामीणों से मिलकर उनकी समस्याओं को सुनते रहे.

By Prabhat Khabar News Desk | June 3, 2024 11:17 PM

मतदान के बाद कोडरमा संसदीय क्षेत्र के कई इलाकों में घूमकर वहां के लोगों की समस्याएं भी सुनी

राकेश सिन्हा, गिरिडीह.

वैसे तो कोडरमा लोकसभा चुनाव के खत्म होने के बाद भाकपा माले के विधायक और कोडरमा लोकसभा क्षेत्र के इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी विनोद कुमार सिंह संसदीय क्षेत्र के अलग-अलग इलाके में ग्रामीणों से मिलकर उनकी समस्याओं को सुनते रहे, लेकिन इस बीच अपने पैतृक गांव बगोदर के खंभरा में भी सुबह में घर पर आने-जाने वाले लोगों से सामान्य तरीके से मिलते रहे. मतगणना के एक दिन पूर्व सोमवार का दृश्य भी कुछ ऐसा ही था. सुबह में उठने के बाद व्यायाम किया और फिर घर पर आने जाने वाले लोगों से मिलते रहे. रविवार को दिनभर उनके घर में आने जाने वाले लोगों का तांता लगा रहा. प्रत्येक लोगों से वे सहज और सामान्य तरीके से मिल रहे थे. उनके चेहरे पर ना ही चुनाव परिणाम को लेकर कोई सिकन था और ना ही काफी ज्यादा उत्साहित थे. एक सवाल के जवाब में उन्होंने इतना जरूर कहा कि आम लोगों के साथ रोज का नाता-रिश्ता है. वैसे लोग ज्यादा बेचैन हैं, जो लोग पांच साल में एक बार अपने क्षेत्र के लोगों से मिलते हैं और उनकी समस्या को सुनते हैं. रविवार को जंगल के बीच 8-10 लोगों के साथ स्नान कर लुत्फ भी उठाया. वे लगभग डेढ़ घंटे तक तालाब में स्नान करते रहे. इस दौरान चुनावी तनाव से दूर उन्हें मस्ती करते लोगों ने देखा. वह सोमवार की शाम में गिरिडीह मुख्यालय पहुंच गये, लेकिन अब भी उनके चेहरे में कोई सिकन नहीं देखी गयी. कहा कि संगठन के लोगों ने इसे संभाल लिया है. उन्होंने संगठन के लोगों को सलाह दी कि वे रात दस बजे तक सो जायें, ताकि सुबह में उठकर उन्हें मेहनत करना होगा.

एग्जिट पोल धरातल की वास्तविकता से हटकरमाले विधायक विनोद सिंह से हार-जीत के सवाल पर उनका कहना था कि कोडरमा संसदीय क्षेत्र के गिरिडीह के इलाके में उन्हें अच्छा वोट मिला है. हार-जीत पर वह फिलहाल कुछ कह नहीं सकते, लेकिन केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ लोगों में आक्रोश था. इसका असर चुनावी परिणाम पर दिखेगा. कहा कि एग्जिट पोल धरातल की वास्तविकता से हटकर है. 400 पार मोदी जी के झूठ के दावे हैं. वे हमेशा और हर मामले में झूठ बोलते रहे हैं. रोजगार, नोटबंदी, महंगाई समेत अन्य कई ऐसे उदाहरण हैं जिसमें मोदी जी ने बोला कुछ और किया कुछ. बिहार और झारखंड के विधानसभा चुनावों में भी लोगों को गुमराह करने के लिए और लोगों पर दबाव बनाने के लिए झूठ के दावे करते रहे.

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