जिले में मनरेगा की योजनाओं में बिना पशु शेड बनाये, बिना डोभा खोदे, जेसीबी से तालाबों की खुदाई आदि के मामले लगातार तो सामने आ ही रहे हैं, अब मृत व्यक्ति के नाम से मनरेगा की योजनाओं में मजदूरी की राशि निकालने जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. बता दें कि वास्तविकता में मंगरोडीह पंचायत का बुधन पंडित की मौत भले ही दो वर्ष पूर्व हो चुकी है, लेकिन वह सरकार के कई दस्तावेजों में अब तक जिंदा है. वह ना सिर्फ कई दस्तावेजों में जीवित है, बल्कि मनरेगा की योजनाओं में वह काम भी कर रहा है और उसके नाम पर मजदूरी का भुगतान भी किया जा रहा है. यह मामला तब सामने आया, जब गिरिडीह प्रखंड के मंगरोडीह गांव में एक तालाब की योजना में बुधन पंडित पिता लिलो पंडित के नाम से मजदूरी का भुगतान कर दिया गया.
फर्जी खाता खोलकर राशि का किया भुगतान
मृत व्यक्ति के नाम से फर्जी खाता खोलकर मनरेगा की योजना की मजदूरी की राशि खाते में भेजी गयी है. मिली जानकारी के अनुसार बुधन ने जिन योजना में काम किया है, उसमें पहली योजना अनीता देवी के जमीन पर तालाब निर्माण का है, जबकि दूसरी योजना अनीता देवी के ही जमीन पर डोभा निर्माण का है. इन दोनों ही योजनाओं में बुधन पंडित ने 24 अप्रैल 2024 से लेकर 29 अप्रैल 2024 तक और 22 मई 2024 से लेकर 27 मई 2024 तक काम करता हुआ दिखाया गया है और इन दस दिनों का मजदूरी भुगतान भी उसे किया गया है.रोजगार सेवक और मुखिया से स्पष्टीकरण : बीडीओ
गिरिडीह सदर प्रखंड के बीडीओ ने इस फर्जीवाड़ा के मामले में मंगरोडीह के ग्राम रोजगार सेवक बसंत मंडल और मुखिया आशा कुमारी से स्पष्टीकरण भी किया गया है. मिली जानकारी के अनुसार स्पष्टीकरण का जवाब दोनों के द्वारा दे दिया गया है. इस मामले में बीडीओ गणेश रजक ने बताया कि स्पष्टीकरण का जवाब मिला है. उनका जवाब संतोषजनक नहीं है. कहा कि इस मामले में गहन छानबीन की जा रही है. किसी भी स्थिति में दोषी लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी. कहा कि बैंक में खाता किन परिस्थितियों में खुला और मास्टर रोल में मृत व्यक्ति का नाम कैसे आया, इसकी छानबीन चल रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है