चिलगुडीह में नहर का गेट बंद करने से सुवर्णरेखा नदी में जा रहा पानी, दर्जनों गांव के किसान सिंचाई से वंचित
चिलगुडीह में नहर का गेट बंद करने से सुवर्णरेखा नदी में जा रहा पानी, दर्जनों गांव के किसान सिंचाई से वंचित
नीमडीह : सुवर्णरेखा बहुद्देश्यीय परियोजना के तहत चांडिल डैम से घाटशिला होकर बंगाल व ओडिशा तक नहर निर्माण हुआ है, ताकि किसानों को सिंचाई की सुविधा मिले. हालांकि दुर्भाग्य है कि डैम से 13 किलोमीटर दूर तक ही मुख्य नहर में पानी उपलब्ध है. चांडिल के चिलगुडीह में मुख्य नहर पर गेट निर्माण कराया गया है.
यहां गेट बंद कर पानी रोक दिया गया है. इसके कारण चाकुलिया, शहरबेड़ा, एदलबेड़ा, कान्दरबेड़ा, रामगढ़, बिरिगोड़ा, आसनबनी आदि गांवों के खेतों में सिंचाई नहीं हो पा रही है. इस समय क्षेत्र के किसान खेत जोताई व धान रोपनी में जुटे हैं. नहर में पानी नहीं आने से किसान काफी चिंतित हैं. किसानों को डर है कि सिंचाई के अभाव में धान के बिचड़े सूखकर मर जाएंगे.
किसानों के खिलाफ हो रही साजिश : मुखिया : चिलगु पंचायत के मुखिया सह चाकुलिया के किसान नरसिंह सरदार ने बताया कि कई बार विभाग के अधिकारियों से नहर में पानी छोड़ने का आग्रह किया गया. किसानों की परेशानी को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है. चिलगु- शहरबेड़ा में पानी छोड़कर बर्बाद करने के बजाय किसानों को सिंचाई के लिए मिलना चाहिये.
बाइपास गेट से होकर नदी तक पहुंच रहा पानी : चिलगुडीह गांव के पास दो तरफ गेट बनाये गये हैं. इमसें मुख्य नहर के सभी गेट बंद कर दिये गये हैं. बाइपास गेट को करीब दो मीटर तक खोल दिया गया है. बाइपास गेट से होकर पानी चिलगु-शहरबेड़ा जुड़िया (नाला) होकर सीधे सुवर्णरेखा नदी में जा रही है.
विभाग की लापरवाही से किसानों को नुकसान – कपूर बागी : विस्थापित मुक्ति वाहिनी के नेता सह चाकुलिया के किसान कपूर बागी ने कहा कि सिंचाई विभाग की लापरवाही से किसानों को हर साल नुकसान होता है. सिंचाई विभाग बाईपास गेट निर्माण कराकर नहर का पानी सुवर्णरेखा नदी में भेजकर कंपनी को फायदा पहुंचा रहा है.
जिस समय नहर में बाईपास गेट निर्माण किया जा रहा था, तब किसी को इसकी उपयोगिता की जानकारी नहीं थी. विभाग ने जानकारी देना भी उचित नहीं समझा. अब किसानों को सिंचाई से वंचित रखा जा रहा है. यदि किसानों को पानी नहीं मिला तो आंदोलन होगा.