बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता अभियान को ले कार्यशाला
बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता अभियान को लेकर एसपीएस ट्रेनिंग सेंटर कृष्णानगर में सोमवार को एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गयी.
गिरिडीह. बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता अभियान को लेकर एसपीएस ट्रेनिंग सेंटर कृष्णानगर में सोमवार को एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गयी. उद्घाटन अधिवक्ता आलोक रंजन ने किया. इसमें समाज से जुड़े नागरिक संगठनों, हितधारकों के साथ-साथ दर्जनाधिक किशोर-किशोरियों ने भाग लिया. श्री रंजन ने कहा कि संविधान प्रत्येक नागरिक को सम्मान पूर्वक जिंदगी जीने का हक़ देता है. जैसे सभी नागरिकों को अधिकार प्राप्त है उसी प्रकार बच्चों को भी विशेष अधिकार मिले हैं. अगर बालिग़ होने के पूर्व किसी लड़की या लड़के की शादी हो जाती है, तो उन्हें प्राप्त मौलिक अधिकार उनसे छिन जाते हैं. किसी बच्चे की शादी हो जाती है, तो यह हमारे देश और हमारे समाज के लिए अत्यंत शर्मनाक घटना होती है. इस कुप्रथा को रोकना जरूरी है. यह जागरूकता, शिक्षा और समझदारी से रोका जा सकता है. लड़कियां नहीं दुल्हन अभियान के ग्लोबल सदस्य, बाल अधिकार कार्यकर्ता सुरेश शक्ति ने कहा कि गर्ल्स नॉट ब्राइडस एक ग्लोबल अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क है. इसका मुख्य उद्देश्य बाल विवाह को खत्म करना है. कहा कि यह सिर्फ कानून बना देने से खत्म नहीं होगा, अपितु बच्चों को बाल विवाह का शिकार होने से बचाना होगा. सामाजिक परिवर्तन संस्थान के सचिव उमेश कुमार ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 तथा झारखंड बाल प्रतिषेध नियमावली 2015 का हवाला देते हुए कहा कि अगर कोई बाल विवाह का अनुष्ठान करता या करवाता है, तो बच्चों को छोड़ वो सभी लोग आपराधिक कृत्य में सजा के भागीदार हैं. अगर कहीं बाल विवाह की जानकारी मिले तो चाइल्ड हेल्प लाइन 1098 पर सूचना देनी चाहिए. सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाता है. बाल अधिकार कार्यकर्ता सरोजीत कुमार ने बच्चों केअधिकार पर अपने विचार रखे. सेमिनार में आइडिया संस्था से ख़ुशी शर्मा, एसपीएस से शशिकांत, रौनी अभिव्यक्ति फाउंडेशन से विलियम जैकब, बनवासी आश्रम से चांदनी मरांडी, मुकेश कुमार, रूपा कुमारी, जागो फाउंडेशन से गेंदों प्रसाद, मनोज टुडू, छात्रा संजू कुमारी, नुनी कुमारी, शिखा शर्मा, सोनू कुमार आदि मौजूद थे.