गायत्री महायज्ञ के दूसरे दिन हुई गुरु और गायत्री वंदना
गायत्री शक्तिपीठ में हो रहे 24 कुंडीय महायज्ञ से क्षेत्र हुआ भक्तिमय
गायत्री शक्तिपीठ तिरंगा चौक गिरिडीह में आयोजित 24 कुंडीय शक्ति संवर्धन गायत्री महायज्ञ के दूसरे दिन रविवार को सबसे पहले गुरु व गायत्री की वंदना की गयी. इसके बाद गणेश भगवान का आह्वान किया गया. इसी क्रम में 33 कोटी के देवी-देवताओं का वैदिक मंत्रोच्चार के साथ आह्वान किया गया. यज्ञशाला में काफी संख्या में लोगों ने गायत्री महामंत्र व महामृत्युंजय मंत्र सहित अन्य मंत्रों के साथ आहुतियां दीं. लोगों ने भगवान से सबके कल्याण, उज्ज्वल भविष्य व स्वस्थ जीवन की प्रार्थना की. शांतिकुंज हरिद्वार से आये यज्ञाचार्य बालक रामरत्न मूल ने यज्ञ की महत्ता को बताते हुए कहा कि यज्ञ करना मनुष्य के लिए परम आवश्यक है. कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में कहा है कि यज्ञ से सभी मनुष्य सहित सभी जीवों पर प्राण ऊर्जा की वर्षा होती है. इससे मनुष्य सहित सभी जीव प्राणवान व जीवंत बन जाते हैं. इससे हजारों प्रकार की बीमारियों का नाश होता है. फसल अच्छी होती है और सभी तरह के प्रदूषण समाप्त हो जाते है. तनावग्रस्त व्यक्ति के लिए यज्ञ करना रामबाण समान है. संक्षिप्त में कहा जाये तो सभी प्रकार के सत्कर्म को ही यज्ञ कहते हैं. इसलिए मनुष्य को यज्ञ के साथ-साथ अपने जीवन में सत्कर्म भी करना चाहिए. रविवार को लगभग 50 दीक्षा, पुंसवन, विद्यारंभ आदि संस्कार भी संपन्न कराये गये. आयोजन को सफल बनाने में कामेश्वर सिंह, दर्शन पंडित, हरिहर मंडल, शुभम सानू, सुबोध कुमार, योगेश्वर महतो, सहदेव प्रसाद कुशवाहा, जयप्रकाश राम, अजय कुमार, भागवत राम, संजय सिंह, कंचन सिन्हा, पार्वती बरनवाल, कविता कंधवे, कदमी देवी, अनिता देवी, दुलारी देवी, लता वर्मा, मिनी बरनवाल सहित गायत्री परिवार सदस्य सक्रिय हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है