गोड्डा : कोल मंत्रालय के सचिव सुशील कुमार ने रविवार को ललमटिया इसीएल का निरीक्षण किया. श्री कुमार के साथ राज्य खनन सचिव अबू बकर सिद्दिकी व कोल इंडिया के चेयरमैन गोपाल कुमार सिंह भी साथ थे.
राजमहल परियोजना के गेस्ट हाउस में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर सचिव सुशील कुमार ने कहा कि तीन दिनों के अंदर एनटीपीसी फरक्का व कहलगांव में कोयला संकट को दूर कर लिया जायेगा. उन्होंने इसीएल के पदाधिकारियों को प्रतिदिन 60 हजार टन कोयला उत्पादन करने का टारगेट दिया है. बताया कि राजमहल परियोजना का वार्षिक कोयला उत्पादन का लक्ष्य 17.1 मिलियन टन है. जिसे हर हाल में पूरा कर लिया जायेगा.
इसीएल परियोजना का वार्षिक लक्ष्य बढ़ाया गया : श्री कुमार ने बताया कि पूरे इसीएल परियोजना का वार्षिक लक्ष्य 47 मिलियन टन है. इसे हर हाल में पूरा किया जायेगा. इससे पूर्व श्री कुमार राज्य सरकार के हेलीकाप्टर से महगामा इसीएल के हेलीपैड पहुंचे
यहां से राजमहल परियोजना गेस्ट हाउस पहुंचे. करीब दो घंटे चली बैठक में अधिकारियों को कई निर्देश दिये. इस दौरान उन्होंने इसीएल में चले रहे कामकाज की समीक्षा कर खान दुर्घटना के बाद परियोजना की स्थिति की जानकारी ली. उन्होंने ऐसी दुर्घटनाएं दोबारा न हो इसके लिए सुरक्षा मानकों पर विशेष ध्यान देने की बात कही. बताया कि डीसी के साथ बैठक में जमीन संबंधी परेशानी को दूर करने का निर्देश दिया गया है. बरसात के दिनों में खदान क्षेत्र में परेशानी के कारण कोयले के उत्पादन में आयी है. इसे पूरा करने का भी निर्देश दिया है.
भादो टोला साइट का किया निरीक्षण
श्री कुमार राजमहल कोल परियोजना के व्यू प्वाइंट का निरीक्षण किया. इस दौरान परियोजना के सभी पदाधिकारी व डीसी भुवनेश पताप सिंह, एसपी हरिलाल चौहान , डीडीसी वरुण रंजन, एसडीओ संजय पांडेय, एसडीपीओ आर मित्रा के साथ-साथ सुरक्षा कर्मी शामिल थे. श्री कुमार भादो टोला साइट का निरीक्षण किया, जहां पिछले वर्ष दिसंबर को भू-स्खलन में दबने से 24 लोगों की मौत हो गयी थी. करीब आधे घंटे तक श्री कुमार व अधिकारी खदान क्षेत्र का मुआयना करते रहे.
24 सितंबर को हुई थी भू-स्खलन की घटना
पत्रकारों के पूछे गये सवाल पर श्री कुमार ने कहा कि गत 24 सितंबर को परियोजना क्षेत्र के भादो टोला में गांव की महिला भू-स्खलन के कारण घायल हुई थी. मगर इसीएल इस बात को नहीं मानने की बात पर कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी है. भू-स्खलन हुई है. जमीन को लेकर भू-स्वामियों को भुगतान व मुआवजा नहीं मिलने की बात पर राजमहल को परियोजना के जीएम अरुण कुमार झा को निर्देश देकर इसे अविलंब परेशानी को दूर करने का निर्देश दिया.