बूढ़ी मां को अस्पताल में छोड़ भागा कलियुगी बेटा
तीन दिनों से जमीन पर लेट कराह रही मसोमात जनीया अस्पताल प्रबंधन की नहीं जगी संवेदना, इलाज नहीं हुआ शुरू प्रभात की पहल पर संवेदक ने बूढ़ी मां को कराया भोजन गोड्डा : बुजुर्गों के प्रति समाज में संवेदनाएं खत्म होती जा रही है. तीन दिनों से एक बूढ़ी माता सदर अस्पताल में असहाय होकर […]
तीन दिनों से जमीन पर लेट कराह रही मसोमात जनीया
अस्पताल प्रबंधन की नहीं जगी संवेदना, इलाज नहीं हुआ शुरू
प्रभात की पहल पर संवेदक ने बूढ़ी मां को कराया भोजन
गोड्डा : बुजुर्गों के प्रति समाज में संवेदनाएं खत्म होती जा रही है. तीन दिनों से एक बूढ़ी माता सदर अस्पताल में असहाय होकर पड़ी हुई है. बहुत पूछे जाने पर केवल इतना बता पा रही है कि उसका नाम मोसमात जनिया है. वह लुकलुकी गांव की रहनेवाली है. बेटा का नाम कोई विनोद किरानी बताती है.
मरीजों को लेकर अस्पताल पहुंचने वाले लोग उसकी असहाय स्थिति को देख कर घर पता पूछते हैं. काफी लोगों के पूछे जाने के बाद बूढ़ी मां ने बताया कि तीन दिन पहले उसका बेटा उसे अस्पताल में छोड़ कर भाग गया है. गुरुवार को प्रभात खबर की पहल पर संवेदक मो तेजू व मो सद्दाम ने उसे भोजन कराया. वहीं अस्पताल प्रबंधन उसके इलाज के प्रति संवेदनहीन बना हुआ है. इस कारण बूढ़ी मां असहाय स्थिति में जिंदगी काट रही रही है.