बगैर अनुमति के पेड़ नहीं काट सकेगी इसीएल

मंथन. ऊर्जानगर गेस्ट हाउस में डीएफओ संग परियोजना जीएम की बैठक बोआरीजोर : राजमहल कोल परियोजना के ईसीएल गेस्ट हाउस में शनिवार को डीएफओ राम भरत के साथ इसीएल कोल परियोजना के जीएम एके झा के साथ आवश्यक बैठक हुई. हालांकि इस बैठक से मीडिया को बिल्कुल अलग रखा गया. लेकिन डीएफओ राम भरत ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 17, 2017 5:00 AM

मंथन. ऊर्जानगर गेस्ट हाउस में डीएफओ संग परियोजना जीएम की बैठक

बोआरीजोर : राजमहल कोल परियोजना के ईसीएल गेस्ट हाउस में शनिवार को डीएफओ राम भरत के साथ इसीएल कोल परियोजना के जीएम एके झा के साथ आवश्यक बैठक हुई. हालांकि इस बैठक से मीडिया को बिल्कुल अलग रखा गया. लेकिन डीएफओ राम भरत ने जानकारी देते हुए बताया कि हुर्रासी परियोजना में चाहे वो रैयती जमीन हो या गैर रैयती बिना वन विभाग की अनुमति के बिना वहां पेड़ों को नहीं काटा जाना चाहिए. यदि बगैर सहमति के पेड़ काटे गये
तो वन विभाग के अधिनियम के तहत कार्रवाई की जायेगी. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि महगामा में प्रस्तावित इको पार्क का काम जल्द शुरू किया जाय. यह पार्क सीएसआर की राशि से बनने वाली है. कहा कि छह माह पूर्व इको पार्क की स्वीकृति हुई है लेकिन इस दिशा में अब तक कार्रवाई नहीं की जा सकी है. इस दिशा में पहल किया जाय.
रैयतों की नहीं अपनी जमीन मांग रहा वन विभाग
हिजुकित्ता, नीमाकला, ललमटिया में जिस 37.67 एकड़ वन विभाग की जमीन पर इसीएल ने कोयला उत्खनन किया था एक बार फिर वन विभाग उस जमीन को वापस मांग रहा है. साथ ही डीएफओ ने यह भी कहा कि जिस 37.67 एकड़ जमीन के बदले रैयतों की जमीन को वन विभाग के नाम से इसीएल ने मोटेशन किया था उसे वापस लेने का भी निर्देश दिया. बता दें कि वन विभाग की जमीन के बदले इसीएल ने रैयतों के 37.67 एकड़ जमीन को वन विभाग के नाम से मोटेशन कर वापस कर रहा था. इस पर रैयतों ने कोर्ट में मुकदमा दायर किया था. कोर्ट ने आदेश दिया कि रैयतों की जमीन को हस्तांतरित नहीं किया जा सकता. जिसकी जमीन है उसे ही वापस किया जाय. इसपर जीएम श्री झा ने भी आश्वस्त कराया कि जल्द ही वन विभाग को जमीन वापस कर दी जायेगी. साथ ही इको पार्क के लिए भी जमीन उपलब्ध करा दिया जायेगा. बैठक में परियोजना पदाधिकारी एस ए राव यादव व अनिल कुमार भी शामिल थे.

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